Bihar Politics: सवाल-जवाब में उलझी बिहार की सियासत, JDU का चिराग पर हमला, पूछा- यहीं रहेंगे या जाएंगे उधर
जदयू ने लोजपा (आर) अध्यक्ष चिराग पासवान से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या वे एनडीए गठबंधन में रहेंगे या अलग चुनाव लड़ेंगे। जदयू नेता महेश्वर हजारी ने चिराग और उनके सांसदों द्वारा राज्य सरकार की आलोचना पर नाराजगी व्यक्त की। चिराग ने युवा आयोग के गठन की सराहना की है लेकिन कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। गठबंधन धर्म को लेकर अरुण भारती ने भी अपनी राय रखी।

राज्य ब्यूरो, पटना। लोजपा (आर) अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और उनके दोनों सांसदों के कभी नरम तो कभी गरम तेवर से खफा जदयू ने सीधा सवाल किया है- चिराग स्पष्ट करें। क्या वह गठबंधन (एनडीए) के साथ रहना चाहते हैं या अलग चुनाव लड़ना चाहते हैं? जदयू के वरिष्ठ नेता व राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने यह सवाल पूछा है।
जदयू इस बात से खफा है कि चिराग और उनकी पार्टी के दो सांसद अरुण भारती और राजेश वर्मा राज्य सरकार की बेवजह आलोचना करते रहते हैं। पिछले एक सप्ताह में चिराग और उनके दोनों सांसदों ने अलग-अलग मामलों में राज्य की कानून-व्यवस्था को ध्वस्त बताया है।
हालांकि, चिराग ने युवा आयोग के गठन को लेकर मुख्यमंत्री की तारीफ भी की है। नालंदा में दो युवकों की हत्या के बाद चिराग ने कानून-व्यवस्था को ध्वस्त बताया था। पटना के व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या पर भी सांसद राजेश वर्मा ने ऐसी ही टिप्पणी की थी।
अरुण भारती ने कहा कि गठबंधन धर्म के नाम पर हम धृतराष्ट्र बनकर नहीं रह सकते। उनका इशारा कानून-व्यवस्था की ओर है। भारती ने कहा- लक्ष्मण रेखा को परिभाषित करने का काम बिहार की जनता करेगी, कोई नेता नहीं।
दिलचस्प बात यह है कि चिराग, अरुण भारती और महेश्वर हजारी रिश्तेदार भी हैं। महेश्वर हजारी ने चिराग के प्रति काफी तल्खी दिखाई। उन्होंने कहा- वह नीचे कुछ कहते हैं। मंच पर कुछ कहते हैं। चिराग को अपने इरादों के बारे में साफ बोलना चाहिए कि वह किसके साथ चुनाव लड़ेंगे।
दरअसल, चिराग को लेकर एनडीए की दुविधा खत्म नहीं हो रही है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में अधिक सीटों की चाह में चिराग ने तल्ख तेवर अपना लिए हैं। उनकी तल्खी इसलिए बढ़ रही है क्योंकि एनडीए के दो प्रमुख घटक दल- भाजपा और जदयू के नेता उन्हें सीटों की संख्या के बारे में नहीं बता रहे हैं।
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