जेएनयू ने बिहार कैडर के Ex IAS मनोज कुमार श्रीवास्तव के नाम पर गोल्ड मेडल की शुरुआत की
जेएनयू ने बिहार कैडर के पूर्व आइएएस अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव के नाम पर मनोज कुमार श्रीवास्तव मेमोरियल गोल्ड मेडल की शुरुआत की है। यह अवार्ड प्रति वर्ष जेएनयू में सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम के सोशियोलॉजी विभाग के पीजी के टॉपर स्टूडेंट को दिया जाएगा।

पटना, ऑनलाइन डेस्क। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) ने बिहार के पूर्व आइएएस अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव के नाम पर ' मनोज कुमार श्रीवास्तव मेमोरियल' गोल्ड मेडल की शुरुआत की है। वे जेएनयू के मेधावी छात्र थे। उन्होंने जेएनयू में सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम (सीएसएसएस) से 1979 में सोशियोलॉजी विषय में एमए किया। यह अवार्ड सीएसएसएस के एमए इन सोशियोलॉजी प्रोग्राम के 2020-22 बैच से प्रति वर्ष टॉपर स्टूडेंट को दिया जाएगा। अवार्ड के तहत एक सर्टिफिकेट और गोल्ड मेडल दिया जाएगा। उनकी पत्नी नीना श्रीवास्तव ने जेएनयू के पहल पर खुशी जाहिर की। कहा कि वे एक आइएएस अधिकारी से ज्यादा शिक्षाविद् थे। वे अपने कार्य के अलावा देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शोध और अध्यापन कार्य से जुड़े रहे ।
जीवनभर जलाई ज्ञान की लौ
मनोज कुमार श्रीवास्तव का जन्म बिहार में 1954 में हुआ था। उन्होंने रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से फिजिक्स विषय में बीएससी किया। जेएनयू से एमए सोशियोलॉजी में किया। उन्हें एमए में कुल 16 में से 13 'ए' ग्रेड मिले थे, जो एक रिकॉर्ड है। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में देश में तीसरा स्थान हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) ज्वाइन की। वे 1980 बैच के बिहार कैडर के आइएएस रहे। बिहार सरकार में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं। वे अपने प्रो-पीपुल अप्रोच के लिए जाने जाते थे। 2015 में गर्वमेंट ऑफ इंडिया के सचिव पद से रिटायर हुए। सेवाकाल के दौरान वर्ल्ड बैंक के स्कॉलरशिप पर उन्होंने यूएसए के कॉर्नवेल यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल डेवलपमेंट विषय में मास्टर्स डिग्री हासिल की । वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में रिसर्च फेलो रहे। रिटायरमेंट के बाद भी वे आइआइएम, अहमदाबाद और बैंगलुरू स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज में अध्यापन और शोध कार्य में लगे रहे। अगस्त 2020 में पटना में कोविड-19 के शिकार होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।
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