बिहार में मुस्लिम वोटरों को लेकर क्या है PK का सियासी दांव? मुसलमानों की हिस्सेदारी को लेकर कह दी बड़ी बात
जन सुराज पार्टी पटना में बेदारी सम्मेलन आयोजित कर रही है जिसमें प्रशांत किशोर मुख्य वक्ता होंगे। सम्मेलन का उद्देश्य बिहार की राजनीति में मुसलमानों की उपेक्षा और कम प्रतिनिधित्व पर चर्चा करना है। जसुपा का कहना है कि प्रशांत किशोर ने मुस्लिम नेतृत्व की कमी को पहचाना है और समुदाय को आबादी के अनुसार हिस्सेदारी देने का वादा किया है जिससे मुस्लिम समुदाय में उनका विश्वास बढ़ा है।

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने शुक्रवार को बेदारी सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें बिहार की राजनीति में मुसलमानों की उपेक्षा और उनकी न्यूनतम भागीदारी के कारणों के साथ-साथ जसुपा के साथ उनकी संभावना पर चर्चा होनी है।
पटना के हज भवन के सभागार में आयोजित होने वाले बेदारी सम्मेलन में जसुपा के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर (पीके) मुख्य वक्ता होंगे।
जसुपा की प्रदेश प्रवक्ता सदफ इकबाल का कहना है कि वोट तो सबने लिया, लेकिन मुस्लिम नेतृत्व को राजनीति में किसी ने आगे नहीं बढ़ने दिया। पीके ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने मुस्लिम समाज की इस कमी को पहचाना है।
सैयद मसीउद्दीन बताते हैं कि पिछले साल 14 जुलाई को प्रशांत किशोर ने पटना में पूरे बिहार के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बात की थी। उन्होंने उन्हें मुस्लिम नेतृत्व विकसित करने का महत्व बताया था। इसी क्रम में बेदारी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
बिहार में मुसलमानों की आबादी करीब 18 फीसदी है, लेकिन विधानसभा में उस अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं है। दूसरी ओर, दो-तीन प्रतिशत आबादी वाला समाज भी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार है।
बेदारी कॉन्फ्रेंस के संयोजक वसीम नैयर के अनुसार, पीके ने साफ कहा है कि समुदाय को उसकी आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी दी जाएगी। पीके पर मुस्लिम समुदाय का भरोसा बढ़ा है। इसीलिए हमने पूरे बिहार के बुद्धिजीवी मुसलमानों को पीके से मिलने और उनसे बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।
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