Ishan Kishan: टीम इंडिया में ईशान किशन की वापसी में किस ग्रंथ का रहा अहम योगदान; पिता ने बताया
Bihar News:क्रिकेटर ईशान किशन की टीम इंडिया में वापसी में गीता का अहम योगदान है। उनके पिता ने बताया कि गीता ने ईशान के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए है ...और पढ़ें

फरवरी में टी-20 वर्ल्ड कप खेलेंगे ईशान किशन। सोशल मीडिया
जागरण संवाददाता, पटना। T-20 Cricket World Cup: शानदार बल्लबाजी से पहली बार झारखंड को सैयद मुश्ताक अली का खिताब दिलाने वाले पटना के विकेट कीपर बल्लेबाज ईशान किशन की दो वर्ष बाद भारतीय टीम में वापसी हो गई।
वे फरवरी में भारत-श्रीलंका में खेले जाने वाले टी-20 विश्वकप के साथ न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज में देश की टीम का हिस्सा होंगे।
बेटे के चयन पर पिता प्रणव पांडेय ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यह हमारे और राज्य के लिए गौरव करने का समय है। टीम से बाहर होने के बाद वापसी करना इतना आसान नहीं होता है।
दादी के कहने पर श्रीमद्भागवत गीता का शुरू किया अध्ययन
ईशान ने खुद में काफी परिवर्तन लाया है। चयन में आध्यात्म की ओर उनका रुख करना बड़ा योगदान है। प्रणव ने कहा कि ईशान ने अपनी दादी के कहने पर श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन करना शुरू किया।
उनके जीवन में अनुशासन लाने में आध्यात्मक का बड़ा योगदान रहा। पिता ने कहा कि ईश्वर से बड़ी कोई शक्ति नहीं है। इसी का परिणाम है कि अब ईशान हमेशा अपने साथ गीता लेकर चलते हैं।
उनकी भारतीय टीम में वापसी होने में गीता का बड़ा योगदान है। प्रणव ने बताया कि शनिवार की दोपहर ईशान के चयन की खबर मिलने पर घर में खूब मिठाई बंटी।
वो घर आया और स्वजनों से आशीर्वाद लिया। अभी वे राजधानी में अपनी मौसी के यहां हैं। विदित है कि बीसीसीआइ द्वारा आयोजित सैयद मुश्ताक अली टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता में झारखंड से खेलते हुए ईशान ने 10 मैचों में 57.44 की औसत से 517 रन बनाए। टूर्नामेंट में 51 चौके और 33 छक्कों के साथ उन्होंने दो शतक और दो अर्धशतक लगाए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।