IPS Aditya Kumar Surrender: बिहार में गया के पूर्व SSP आदित्य कुमार ने अदालत में किया आत्मसमर्पण, भेजे गए जेल
बिहार के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसके सिंघल को पटना उच्च न्यायालय का जज बताकर अभिषेक भोपालिका द्वारा फोन कर रोब जमाने के मामले में आरोपित गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) सारिका वहालिया की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में लेते हुए 18 दिसंबर तक के लिए जेल भेज दिया।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के ततकालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसके सिंघल को पटना उच्च न्यायालय का जज बताकर अभिषेक भोपालिका द्वारा फोन कर रोब जमाने के मामले में आरोपित गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) सारिका वहालिया की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
अदालत ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में लेते हुए 18 दिसंबर तक के लिए जेल भेज दिया। आदित्य कुमार के खिलाफ आईपीसी की एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं आदित्य कुमार
अदालत ने आरोपित के खिलाफ चार नवंबर 2022 को गैर जमानतीय वारंट तथा दो दिसंबर 2022 को इश्तेहार भी जारी किया था। इस मामले में उच्चतम न्यायालय से आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है।
आदित्य कुमार वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं तथा उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासी हैं। विदित हो कि अवैध शराब से जुड़े एक मामले में गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के विरुद्ध वहां के फतेहपुर थाने में प्राथमिकी हुई थी। उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
मनचाही पोस्टिंग के लिए दोस्त से कराया कॉल
आरोप है कि उन्होंने इस मामले को समाप्त कराने और मनचाही पोस्टिंग पाने के लिए तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल को दोस्त अभिषेक भोपालिका से कॉल कराया था, जिस नंबर से कॉल किया गया था, वो फर्जी दस्तावेज पर खरीदा गया था। इसके बाद उससे वॉट्सऐप लॉगइन किया गया, जिसमें पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तस्वीर लगी थी।
अभिषेक डीजीपी को हमेशा वॉट्सऐप कॉल करता था, जब इस साजिश की जानकारी डीजीपी को हुई तो उनके बयान पर आर्थिक अपराध इकाई के थाने में 15 अक्टूबर 2022 को प्राथमिकी की गई थी।
इसमें आदित्य कुमार, उनके दोस्त अभिषेक भोपालिका, गौरव राज, शुभम कुमार और राहुल रंजन जायसवाल को आरोपित बनाया गया। इस मामले में आदित्य कुमार की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके विरुद्ध कार्रवाई पर स्टे लगा दिया था।
हालांकि, पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को रद करते हुए दो सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
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