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    पटना आइआइटी के शोध से चीन के मुकाबले खड़ा होगा भारत, इलेक्‍ट्रि‍क वाहनों में इस्‍तेमाल होगी स्‍वदेशी तकनीक

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Fri, 11 Nov 2022 07:48 AM (IST)

    Patna IIT Research Patent पटना आइआइटी के शोध को मिला पेटेंट 20 वर्षों तक होगा कापीराइट। आइआइटी के प्राध्यापक के निर्देशन में किया गया था शोध। सोलर सिस्टम दो पहिया व तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन में होगा उपयोग

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    आइआइटी पटना के शोध से घटेगी चीन पर निर्भरता। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के पटना केंद्र ने एक ऐसा उपकरण इजाद किया है, जिसके कारण भारत की चीन पर निर्भरता कम हो जाएगी। इस उपकरण की वजह से इलेक्‍ट्र‍िक पावर से चलने वाले दो पहिया और तीन पहिया वाहनों में भारत निर्मित प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल बढ़ेगा और संभव है कि उनकी कीमत में भी कमी आए। भारत में सरकार इलेक्‍ट्रि‍क वाहनों को लगातार बढ़ावा दे रही है। ऐसे में इससे जुड़ी स्‍वदेशी तकनीक का फायदा देश को मिलेगा। 

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    बैट्री मैनेजमेंट सिस्‍टम को मिला पेटेंट 

    पटना आइआइटी के शोध को केंद्रीय पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट दे दिया है। आइआइटी के प्रो. एके ठाकुर के निर्देशन में छात्रों ने एक बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम और बैट्री के प्रबंधन के लिए एक निष्क्रिय संतुलन विधि का ईजाद किया है। आइआइटी के इंक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से ही तैयार कराया जा रहा है।

    आइआइटी में तैयार हुआ सर्किट और बीएमएस

    आइआइटी के छात्र अभिजीत कुमार, सौरव राय आदि ने इसपर कार्य किया है। आइआइटी के सीनियर फैकेल्टी प्रो. एके ठाकुर ने बताया कि आइआइटी पटना की ओर से ही सर्किट, बीएमएस, ट्रांसफार्मर आदि तैयार किया गया है। भारतीय बाजार को इसका फायदा चीन निर्मित उत्‍पादों से मुकाबला करने में मिलेगा। 

    चाइनीज बाजार को मिलेगा टक्कर

    प्रो. एके ठाकुर ने बताया कि पेटेंट मिलने से अब बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम पर भारत का कब्जा बढ़ेगा। अब इसके सहारे दो एवं तीन पहिया वाहनों में मेड इन इंडिया उत्पाद का उपयोग भी बेहतर रूप से होगा। यह पूरी तरह सुरक्षित होगा। इससे आग लगने की घटना से पूरी तरह निजात मिलेगी।

    आत्‍मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा 

    अब जल्द ही आने वाले दिनों में इसके निर्माण कार्य को तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक यह सिस्टम चाइना से ही आ रहा था, अब भारत में नवाचार होने से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा। बैटरी मैनेजमेंट सिस्‍टम के लिए हर साल भारत से बड़ी मात्रा में मुद्रा बाहर जाती है।