Bihar Politics: भतीजे चिराग के खिलाफ चाचा पारस ने चली नई चाल, निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ेंगे खेल?
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के लिए चुनौती। चाचा पशुपति कुमार पारस ने चिराग की पार्टी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करने का फैसला किया है। पारस का उद्देश्य चिराग के उम्मीदवारों को कमजोर करना है, जिससे बिहार की राजनीति में बदलाव की संभावना है। चिराग पासवान की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। दो दिन पहले भतीजा चिराग पासवान को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की बात करने वाले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस बुधवार को पलट गए और भड़क गए।
पारस ने कहा कि महागठबंधन में जो सीट हमारी पार्टी को मिलेगी, उस पर हम मजबूत उम्मीदवार देंगे। इसके अलावा, जहां-जहां चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार होंगे, वहां भी हम अपने उम्मीदवार बतौर निर्दलीय उतारने पर विचार करेंगे।
पारस ने चिराग पासवान पर पार्टी और परिवार तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने परिवार और पार्टी को तोड़ने का काम किया है।
बता दें कि दो दिन पहले ही हाजीपुर में पत्रकारों से कहा था कि चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि वो मेरा भतीजा है।
चुनाव के लिए एनडीए पूरी तरह से तैयार, चुनाव एकतरफा : संजय झा
दूसरी ओर, जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि चुनाव के लिए एनडीए पूरी तरह से तैयार है। जो जनरूझान हमलोग देख रहे हैं, इस बार एनडीए के पक्ष में एकतरफा चुनाव है।
संजय झा ने कहा कि 1991 में जब आर्थिक उदारीकरण का दौर शुरू हुआ था, देश के अन्य भागों में आईटी इंडस्ट्री खुल रहे थे, निवेश आ रहा था। बड़े-बड़े इंस्टीच्यूशन आ रहे थे। बिहार में चरवाहा विद्यालय खुल रहे थे। अपहरण का उद्योग फल-फूल रहा था। निगेटिव ग्रोथ रेट के साथ बिहार पीछे जा रहा था। अगले 15 वर्षों में बिहार ऐसा पिछड़ा कि देश-दुनिया में खुद को बिहारी बोलने में शर्म महसूस होने लगा था।
संजय ने लिखा कि 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार लगातार डबल डिजिट ग्रोथ रेट में आगे बढ़ रहा है। सड़क हो, बिजली हो या फिर विधि-व्यवस्था। सब काे नीतीश कुमार ने सुधारा है। बिहार आज टेक आफ स्टेज में है। अगले पांच साल में बिहार देश के टाप टेन राज्यों में शामिल होगा।
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