बिहार के पंचायत में पैक्सों की बढ़ेगी आय, व्यवसाय को मिलेगी केंद्रीय मदद
राज्य के हर पंचायत में पैक्स का व्यवसाय बढ़ाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा कार्ययोजना बनाई जा रही है। सहकारी बैंकों से पैक्सों को जोड़ा जाएगा। प्रखंड स्तर पर सहकारिता सुविधा केंद्र की स्थापना होगी। महिला स्वयं सहायता समूहों को सहकारी संस्थाओं से जोड़ने की पहल की जाएगी। युवा उद्यमियों को सहकारी क्षेत्रों में निवेश हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा और ऋण सहायता दी जाएगी।

राज्य ब्यूरो,पटना। राज्य के हर पंचायत में पैक्स का व्यवसाय बढ़ाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके अंतर्गत पैक्सों में व्यवसाय बढ़ाने और आय में 30 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य है। जहां पैक्स मृतप्राय हैं, वहां पर कम से कम एक सहकारी इकाई स्थापित की जाएगी। अब राज्य के सभी पैक्सों को पूर्णतया डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। सहकारी बैंकों से पैक्सों को जोड़ा जाएगा। प्रखंड स्तर पर सहकारिता सुविधा केंद्र की स्थापना होगी। महिला स्वयं सहायता समूहों को सहकारी संस्थाओं से जोड़ने की पहल की जाएगी। युवा उद्यमियों को सहकारी क्षेत्रों में निवेश हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा और ऋण सहायता दी जाएगी।
सहकारिता मंत्री डा. प्रेम कुमार के मुताबिक राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 का उद्देश्य सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को साकार करना है। इसके तहत जनता की आकांक्षाओं और संसाधनों को सहकारी ढांचे से जोड़ा जाएगा, ताकि सहकारी क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अहम भूमिका निभा सके। बिहार में सहकारिता नीति को सफलता पूर्वक लागू किया जाएगा। प्रत्येक पंचायत में पैक्स का व्यवसाय बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बन रही है जिसे जल्द से सभी पैक्सों में क्रियान्वित किया जाएगा।
कार्य योजना में स्थानीय स्तर पर किसानों द्वारा तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। साथ ही, सहकारिता विभाग की ओर से पैक्सों में कारोबार को बढ़ावा देने का निर्देश सहकारी बैंकों को दिया गया है, ताकि पैक्सों को विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिल सके। इसके लिए विभाग के स्तर से पैक्सों में ग्रामीण पर्यटन, स्थानीय उत्पादों का विपणन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु कार्य योजना बनाकर अमल कराया जाएगा।
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