Khelo India Youth Games: दो महीने में बिहार ने पदकों की संख्या 12 से की 36, जहां नहीं थी उम्मीद; वहीं मिली जीत
बिहार में पहली बार आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स का गुरुवार को पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में समापन हुआ। इस बार मेजबान राज्य ने 36 पदकों का आंकड़ा छुआ। इसके पहले वर्ष 2020 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते थे। दो महीने पहले उत्तराखंड में संपन्न राष्ट्रीय खेल में मिले 12 पदकों को 36 कर दिया।

अक्षय पांडेय, पटना। पटना में गुरुवार को संपन्न खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सातवें संस्करण में कीर्तिमान बनाते हुए मेजबान बिहार ने 36 पदकों का आंकड़ा छू लिया। इसके पहले कभी राज्य के पदकों की संख्या दहाई अंक नहीं पार कर पाई थी। वर्ष 2020 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने नौ पदक जीते थे। इस बार सरकार की योजना के अनुसार 12 खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर होनहारों ने अपने गले को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य की माला से सुशोभित किया। प्रचलित खेलों में बिहार पिछड़ा। जहां उम्मीद नहीं थी, वहां जीत मिली।
12 दिनों में 28 खेलों में लिया भाग
चार से 15 मई तक बिहार के खिलाड़ियों ने 28 खेलों में प्रतिभाग किया। 12 दिनों में रग्बी, एथलेटिक्स, थंग-टा, सेपकटाकरा, साइकिलिंग, गतका, जूडो, शूटिंग, योगासन, तलवारबाजी, भारोत्तोलन और बाक्सिंग में पदक जीते। इसमें रग्बी, एथलेटिक, थंग-टा से दो-दो और सेपकटाकरा से राज्य की झोली में एक सोना आया। पदकों की संख्या की बात करें तो, सेपकटाकरा में सबसे अधिक सात, एथलेटिक्स में छह और थंग-टा एवं गतका से पांच-पांच आए।
कुछ खेलों में एक भी मुकाबला नहीं जीता
इस बीच प्रचलित खेलों में राज्य के खिलाड़ी चूक गए। राष्ट्रीय खेल हाकी के साथ फुटबाल, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, टेनिस, स्वीमिंग, बास्केटबाल, वालीबाल, टेबल टेनिस में बिहार को एक भी पदक नहीं मिले। कुछ खेल ऐसे रहे, जिसमें बिना एक भी मुकाबले जीते राज्य बाहर हो गया। इसके पहले उत्तराखंड में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेल में लानबाल और मार्डन पेंटाथलान जैसे गुमनाम खेलों में बिहार ने कमाल करते हुए पदक जीते थे।
उत्तराखंड में जीते थे 12 पदक
खेलो इंडिया यूथ गेम्म के पहले थोड़ी तैयारी बिहार ने उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल में कर ली थी। इसी वर्ष जनवरी-फरवरी में संपन्न प्रतियोगिता में राज्य ने कीर्तिमान बनाते हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पहली बार 12 पदक जीते थे। सबसे बड़ी बात यह थी कि ऐसे खेलों में राज्य ने पदक जीते, जो पहले गुमनाम रहे।
लानबाल और मार्डन पेंटाथलान में मारी थी बाजी
लानबाल से स्वर्ण समेत तीन तो मार्डन पेंटाथलान से दो पदक राज्य के पास आए। योगा, तलवारबाजी, वुशू और रग्बी से भी प्रदेश के खिलाड़ियों ने बाजी मारी। उत्तराखंड में जीते 12 पदक को यूथ गेम्स में बिहार के खिलाड़ियों ने तीन गुना करते हुए 36 तक पहुंचा दिया। सबसे बड़ी यह रही कि जिन खेलों से उत्तराखंड में पदक आए, यूथ गेम्स में भी बिहार ने उन्हीं स्पर्धाओं में बाजी मारी।
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