Super 30 रिलीज: पर्दे पर जब आनंद कुमार को लगी गोली तो फूट-फूट कर रोईं मां...
आज Super 30 रिलीज हो गई। हर तरफ आनंद ही आनंद। जो सिनेमा हॉल में बैठ गया वो हिला नहीं। तालियों ने तो आनंद का हौसला बढ़ाया ही कई दृश्य तो दर्शकों को खड़े होने से भी नहीं रोक पाए।
पटना [अक्षय पांडेय]। #Super30 : हर तरफ आनंद ही आनंद। जो सिनेमा हॉल में बैठ गया वो हिला नहीं। तालियों ने तो आनंद का हौसला बढ़ाया ही कई दृश्य तो दर्शकों को खड़े होने से भी नहीं रोक पाए। बेटे के रूप में ऋत्विक रोशन को पर्दे पर देख मां की भी आंखें भी छलक आईं। फिल्म के कई दृश्यों ने आनंद के परिवार को भावुक कर दिया। पंकज त्रिपाठी की हंसी-ठिठोली के बीच खुशहाल कॅरियर को छोड़कर 30 छात्रों पर आनंद कुर्बान हो गए। वहीं पटना में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी फिल्म सुपर 30 को देखा।
आखिरी सीन तक किसी ने कुर्सी नहीं छोड़ी
दरअसल शुक्रवार को पटना के सिनेमा हॉल में दर्शकों की तालियों ने सुपर-30 फिल्म के असली हीरो गणितज्ञ आनंद कुमार का हौसला बढ़ाया। फिल्म के कई सीन ने दर्शकों को खड़े होने को मजबूर कर दिया। फिल्म के आखिरी सीन तक कोई हिला नहीं। फिल्म में शिक्षा मंत्री की भूमिका निभा रहे बिहारी अभिनेता पंकज त्रिपाठी की हंसी-ठिठोली के बीच खुशहाल कॅरियर छोड़ 30 छात्रों पर आनंद कुर्बान हो गए। आज पूरे देश में विकास बहल की फिल्म सुपर-30 रिलीज हुई, मगर पटनावासियों को इसका खास इंतजार था। शहर के सिनेमा हाल हाउसफुल हो गए। कुल 22 शो में यह फिल्म दिखाई गई। बाहर निकल रहे लोगों की प्रतिक्रियाएं सुन फिल्म देखने के लिए शनिवार और रविवार के टिकट भी लोगों ने एडवांस बुक करा लिए।
पापड़ बेचा पर नहीं मानी हार
स्पेशल स्क्रीनिंग में आनंद कुमार के परिवार ने भी एक साथ बैठकर फिल्म देखी। मां जयंती देवी ने कहा कि फिल्म ने आनंद के साथ न्याय किया। जैसा आनंद है, वैसा ही पर्दे पर दिखा। बेटे को गोली लगने वाला दृश्य दिल दहला देने वाला था। काफी कोशिश के बाद भी मैं अपने को संभाल नहीं पाई, आंसू छलक ही गए। मां ने कहा कि आनंद ने क्या नहीं किया। बच्चों के लिए मेरा बनाया पापड़ तक बेचा। ये शायद सबको न पता हो।
आ गई उस दौर की याद
आनंद कुमार के भाई प्रणव ने कहा कि मूवी शुरू होने के चंद सेकेंड में ही हम पुराने दौर में पहुंच गए। किलकारी के बच्चों ने फिल्म में गुरु का सम्मान और विश्वास दिखाकर भावुक कर दिया। पहले बैच को पढ़ाने के दौरान आर्थिक तंगी से खानाबदोशी की जिंदगी को बच्चों ने बेहतर तरीके से निभाया।
ऋत्विक ने मेरे किरदार के साथ किया न्याय : आनंद
फिल्म के असली हीरो आनंद कुमार ने मोना सिनेमा हॉल में दर्शकों के साथ फिल्म देखने के बाद कहा कि कहानी छात्र और शिक्षक के साथ पिता और बेटे के भावनात्मक रिश्ते को भी दिखाती है। रितिक रोशन ने मेरे किरदार के साथ न्याय किया है। उन्हें पर्दे पर देखकर ऐसा लग रहा था जैसे मैं ही बोल रहा हूं। परिजनों के साथ फिल्म देखने के दौरान कई बार मेरी आंखें छलक आईं।
और छा गए आनंद ...
फिल्म रिलीज होते ही शुक्रवार को हैशटैग सुपर-30, और सुपर-30 रिव्यू नाम से हजारों लोगों ने रितिक रोशन और आनंद कुमार पर फिल्म को लेकर प्रतिक्रियाएं दीं। मोना सिनेमा से फिल्म देखकर निकले रोशन ने कहा कि आनंद कुमार का संघर्ष हौसला देता है। विशाल ने कहा कि रितिक रोशन की बिहारी बोली सुनकर कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि उनका ताल्लुक इस राज्य से नहीं है। नवीन ने कहा कि पंकज त्रिपाठी की कॉमेडी ने फिल्म में चार चांद लगा दिया। दर्शकों ने सीएम नीतीश कुमार से फिल्म को टैक्स फ्री करने की अपील की।