पटना में छह वर्षीय बच्ची से अप्राकृतिक यौनाचार करने वाले बुजुर्ग को सजा, 20 वर्ष रहना होगा जेल में
पटना के दुल्हिन बाजार के बाघा बीघा निवासी दुर्गा पासवान को पाक्सो कोर्ट ने 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सात जुलाई 2020 को 67 वर्ष के इस बुजुर्ग ने छह वर्ष की बच्ची के साथ घिनौना काम किया था।

पटना, जागरण संवाददाता। छह वर्षीय बालिका के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने के मामले में पाक्सो एक्ट के विशेष जज सुरेंद्र प्रसाद की अदालत ने 67 वर्षीय अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। साथ ही अदालत ने जिला विविध सेवा प्राधिकार के माध्यम से पीड़िता को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश बिहार सरकार को दिया है। दोषी दुर्गा पासवान दुल्हिन बाजार थाना क्षेत्र के बाघा बीघा का रहने वाला है।
दो वर्ष पहले की है घटना
विशेष लोक अभियोजक मोहम्मद ग्यासुद्दीन ने बताया कि पीड़िता की मां के फर्दबयान पर 7 जुलाई 2020 को दुल्हिन बाजार थाना में कांड संख्या 138/ 20 दर्ज हुआ था। मामले में कहा गया था कि जब बच्ची खेलने के लिए नहर पर गई तो अभियुक्त ने टाफी व पैसा का लालच देकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया और उसके साथ गलत हरकत करने लगा। पीड़िता के रोने-चिल्लाने पर जब घटना की जानकारी पीड़िता की मां को हुई तो उसने अभियुक्त के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ लोगों ने गवाही दी है।
एनडीपीएस एक्ट में चार वर्ष सश्रम कारवास की सजा
बेगूसराय एनडीपीएस एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुशांत कुमार ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अभियोजन साक्ष्य के आधार पर एक आरोपित को चार वर्ष सश्रम कारावास की सजा मुकर्रर की है। न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सजा पाए आरोपित 50 हजार रुपये अर्थदंड भी अदा करेंगे। सजा पाए आरोपित खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के फफौत गांव निवासी बनारसी महतो हैं। बताते चलें कि 24 नवंबर 2017 को फफौत गांव की एक कपड़ा दुकान से नौ किलो 50 ग्राम गांजा पुलिस ने जब्त कर मामला दर्ज कराया था। सूचक रीता कुमारी थी। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान घटना को सत्य पाकर सजा पाए आरोपित के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक बाल्मीकि महतो ने अभियोजन की ओर से सात गवाहों का बयान घटना के समर्थन में न्यायाधीश के समक्ष कराया। प्रस्तुत अभियोजन साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने उक्त सजा मुकर्रर की है।
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