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    पटना के आइजीआइएमएस में अब हर रोज देखे जाएंगे दोगुने मरीज, ओपीडी में कोरोना जांच जरूरी नहीं

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Wed, 09 Feb 2022 09:14 AM (IST)

    बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले कम होते ही पटना के बड़े अस्‍पतालों में इलाज की व्‍यवस्‍था धीरे-धीरे ही सही पहले की तरह सुचारू होने लगी है। आज से आइजीआइएमएस की हर ओपीडी में 100 मरीजों का इलाज ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों की नहीं होगी कोरोना जांच

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    पटना स्थित सरकारी अस्‍पताल आइजीआइएमएस। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले कम होते ही पटना के बड़े अस्‍पतालों में इलाज की व्‍यवस्‍था धीरे-धीरे ही सही पहले की तरह सुचारू होने लगी है। कोरोना संक्रमण कम होने और प्रतिबंधों में ढील के बाद इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में इलाज कराना अब आसान हो गया है। अस्‍पताल प्रशासन ने हर विभाग के ओपीडी में रजिस्ट्रेशन की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 कर दी है। मंगलवार को चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने यह जानकारी दी। बुधवार से हर विभाग में 100 नए व पुराने रोगी आनलाइन पंजीयन कराकर ओपीडी में इलाज करा सकेंगे।

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    ओपीडी में इलाज के लिए जरूरी नहीं होगा जांच कराना

    ओपीडी में इलाज कराने के पूर्व अब मरीजों की रैपिड एंटीजन किट से कोरोना जांच भी नहीं की जाएगी। इमरजेंसी में एंटीजन और ओपीडी से आरटी-पीसीआर जांच कराने के बाद ही भर्ती करने का नियम अभी जारी रहेगा। कोरोना की तीसरी लहर और संस्थान में कोरोना मरीजों के भर्ती होने के बाद संक्रमण की आशंका को देखते हुए हर विभाग में 25 नए व 25 पुराने मरीजों का आनलाइन पंजीयन किया जा रहा था।

    • इमरजेंसी में एंटीजन और ओपीडी से आरटी-पीसीआर जांच के बाद होंगे भर्ती