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    पटना में सड़क पर उतरीं आइजी गरिमा मलिक, वाहन जांच और वायरलेस पर पुलिस की सक्रियता परखी

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 11:16 AM (IST)

    अपराध की रोकथाम के लिए रविवार की शाम से देर रात तक सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। आइजी गरिमा मलिक और एसएसपी अवकाश कुमार के साथ सभी सिटी एसपी सड़क पर दिखे। आइजी शास्त्रीनगर दीघा राजीव नगर रूपसपुर दानापुर सहित पांच थाना क्षेत्रों का जायजा लेते रहीं। वाहन चेकिंग का अनुश्रवण एवं समीक्षा की गई।

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    देर रात शहर की सुरक्षा व्‍यवस्‍था का जायजा लेतीं आइजी गरिमा मलिक। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के सभी थाना क्षेत्रों में अपराध की रोकथाम के लिए रविवार की शाम से देर रात तक सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान आइजी गरिमा मलिक और एसएसपी अवकाश कुमार के साथ सभी सिटी एसपी सड़क पर दिखे।

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    करीब तीन घंटे तक आइजी शास्त्रीनगर, दीघा, राजीव नगर, रूपसपुर, दानापुर सहित पांच थाना क्षेत्रों का जायजा लेते रहीं। वाहन चेकिंग का अनुश्रवण एवं समीक्षा की गई। उन्होंने डायल 112 की गाड़ियों में जीपीएस और वायरलेस पर मिलने वाली सूचना पर कार्रवाई का हाल जाना। वायरलेस पर संदेश प्रसारित कर माकड्रिल भी की गई। अटल पथ, नेहरू पथ और जेपी गंगा पथ पर सुरक्षा व्यवस्था का हाल जाना। 

    मुंशी छोड़कर सभी वाहन जांच में जुटे

    देर शाम आठ से रात 11 बजे तक शहर में विशेष वाहन जांच अभियान चलाया गया। इस अभियान में थाना के ओडी पदाधिकारी एवं मुंशी छोड़ कर सभी पुलिस पदाधिकारी, बल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील होकर वाहन जांच करते रहे। एसएसपी इस वाहन चेकिंग का अनुश्रवण एवं समीक्षा शास्त्रीनगर, रूपसपुर, दानापुर, बुद्धाकालोनी, दीघा, एवं कोतवाली थाना क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर 10.30 बजे तक किया जा रहा है। 

    क्विक मोबाइल बाइक टीम होगी हथियार से लैस 

    क्विक मोबाइल जवानों को अब छोटे हथियार से लैस किया जाएगा। इन्हें वायरलेस सेट मिलेंगे और जीपीएस डिवाइस भी दिए जाएंगे। डायल 112 की बाइक को भी शामिल किया गया है। किसी भी क्षेत्र के घटना की सूचना मिलने पर ज्यादातर सबसे पहले क्विक मोबाइल या डायल-112 बाइक के पुलिसकर्मी पहुंचते हैं।

    इसमें अधिकांश पुलिसकर्मी ऐसे होते हैं, जिनके पास हथियार नहीं होते हैं। अब इन्हें हथियार से लैस किया जा रहा है। वायरेल सेट और जीपीएस सेट मिलने से उन्हें कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मियों की मदद से अपराधियों का लोकेशन भी मिलते रहेगा।