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तीन दिन से भूखी बच्चियों ने PMO में कर दिया फोन, खाना लेकर दौड़े अधिकारी, जानें मामला

बिहार के भागलपुर जिले की तीन बच्चियां तीन दिनों से भूखी थीं उनकी नजर अखबार में छपी कोरोना को लेकर जारी किए गए पीएमओ के नंबर पर पड़ी और उन्होंने फोन कर दिया। फिर जो हुआ जानिए...

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 01:38 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 02:49 PM (IST)
तीन दिन से भूखी बच्चियों ने PMO में कर दिया फोन, खाना लेकर दौड़े अधिकारी, जानें मामला
तीन दिन से भूखी बच्चियों ने PMO में कर दिया फोन, खाना लेकर दौड़े अधिकारी, जानें मामला

पटना, जेएनएन। पीएम मोदी देश की जनता का कितना ख्याल रखते हैं ये समय-समय पर सामने आ जाता है।कभी तो वो रिक्शावाले की मदद करते हैं तो कभी बिहार की जीविका दीदियों के काम की सरहाना कते हैं तो कभी किसी छात्र की उपलब्धियों पर उन्हें बधाई भी देते हैं। इस बार पीएम मोदी की तरफ से गरीब और भूख से तड़प रही तीन बच्चियों को खाना मिला तो उनके चेहरे पर मुस्कान तैर गई और उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है

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घटना भागलपुर के बड़ी खंजरपुर की है जहां दूसरों के घरों में चूल्हा-चौका और बर्तन साफ करने वाली तीन अनाथ बच्चियां भूख से तड़प रही थीं उन्हे जब पड़ोसियों ने भी खाना देने से इनकार कर दिया, ताे तीन दिन से भूखी इन बच्चियों ने काेविड-19 के लिए जारी केंद्र की हेल्प डेस्क काे इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और एक घंटे के अंदर बच्चियाें के घर पर खाना पहुंच गया। खाना देखते ही बच्चियों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए

बता दें कि जिले की 18 वर्षीया गौरी और उसकी दो छोटी बहनें आशा और कुमकुम दोनों तीन दिन से भूखी थीं। तीनों ने गुरुवार को अखबार में छपे विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन नंबर 1800118797 पर फोन कर जानकारी दी। बच्चियों ने बताया कि वे लाेग दो दिनों से भूखी हैं। घर में अनाज का एक दाना भी नहीं है। जिनके घर बर्तन साफ कर गुजारा चलाते थे, काम कराने से मना कर दिया है।

बड़ी बहन गौरी ने बताया कि उनके पिता सिनोद भगत और मां अनीता देवी का बहुत पहले निधन हो गया था। दोनों दूसरों के कपड़े धोकर किसी तरह से अपना परिवार चलाते थे। मां-पिता के निधन के बाद उनकी पढ़ाई भी छूट गई। उसके बाद गौड़ी पड़ोसियों के यहां बर्तन साफ कर छोटी बहनों की परवरिश करती है। कभी-कभी छोटी बहन भी इसमें मदद करती है। उसने बताया कि लॉकडाउन के बाद एक-दो दिन लाेगाें ने मदद की। उसके बाद मदद बंद करना बंद कर दिया। फिर उन्होंने एक दिन अचानक अखबार में नंबर देखा तो उस पर फाेन कर दिया और अपने बारे में बताया। उसने बताया कि विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन कुछ ही देर में हमारे लिए खाना आ गया।

जगदीशपुर के अंचलाधिकारी सोनू भगत ने बताया कि तीनों बहनों ने अखबार में देखकर पीएमओ के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया था,  जिसके बाद पीएमओ से जिला प्रशासन को मिले निर्देश के बाद आधे घंटे के अंदर भोजन तैयार कर तीनों बहनों को उपलब्ध कराया गया है। साथ ही बच्चियों को खाने के लिए सूखा राशन भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी आवशयकता के लिए मैंने उन्हें अपना मोबाइल नम्बर भी दिया है, ताकि वो बात कर सकें।


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