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    पटना के बोरिंग रोड में मिला नर कंकाल, कोचिंग के सफाईकर्मी ने कूड़ेदान में फेंकी थी हड्डियां; राज से उठा पर्दा

    By Prashant KumarEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 08:08 AM (IST)

    पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना अंतर्गत बोरिंग रोड से मंगलवार की शाम नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। कचरे उठाने के दौरान नगर निगम के कर्मचारियों की नजर कार्टन पर पड़ी जिसमें हड्डियां रखी थी। पुलिस ने नर कंकाल फेंकने वाले की पहचान भी कर ली।

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    बोरिंग रोड में कचरे की ढेर में मिला नर कंकाल। प्रतीकात्मक तस्वीर

    पटना, जागरण संवाददाता। राजधानी पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना अंतर्गत बोरिंग रोड से कवि रमन पथ के मोड़ पर एक होटल के सामने मंगलवार की शाम नर कंकाल मिलने पर इलाके में अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही थानेदार निहार भूषण दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और छानबीन में जुट गए।

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    नर कंकाल कचरे के ढेर से निकला है। हड्डियां एक कार्टन में रखी थीं। कंकाल की जांच करने के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने नमूने एकत्र किए हैं। हालांकि, जांच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। सभी बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है। आसपास लगे सीसी कैमरों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

    बताया जाता है कि रोज की तरह नगर निगम के कर्मचारी सड़क किनारे से कचरा उठाने आए थे। बोरिंग रोड और कवि रमन पथ के मोड़ पर सीमेंट का घेरा बना है। वहां से कचरा उठाया जा रहा था। तभी नगर निगम के कर्मियों की नजर कुछ मानव हड्डियों पर पड़ी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

    कंकाल फेंकने वाले की पहचान हुई

    पुलिस ने सभी हड्डियों को प्लास्टिक की थैलियों में सीलबंद कर दिया। देर शाम जांच में मालूम हुआ कि बोरिंग रोड स्थित गंगोत्री कांप्लेक्स के कॉमन डस्टबिन में कंकाल को फेंकने वाले की पहचान कर ली गई। हालांकि, यह डेमो कंकाल बताया गया, जो आमात्य आइसीएस कोचिंग सेंटर के कमरे से निकाल कर फेंका गया था। कोचिंग सेंटर में एंथ्रोपोलाजी की पढ़ाई के लिए डेमो के रूप में प्रयोग किया जाता था।

    कोचिंग संचालक की हो गई मौत

    इसके संचालक एमपी श्रीवास्तव की मार्च 2022 में मृत्यु हो गई थी। वे पढ़ाने के लिए डेमो कंकाल का उपयोग करते थे। कोचिंग संचालक के निधन के बाद संस्थान बंद हो गया। कॉम्प्लेक्स के सफाईकर्मी ने कंकाल को कूड़ेदान में फेंक दिया। डेमो कंकाल का प्रयोग अध्ययन-अध्यापन के लिए किया जाता था। इसका किसी आपराधिक घटना से कोई संबंध नहीं है।