महाकाल गैंग के साथ मिलकर बेटी का मर्डर: पिता-चाचा ने 'राज' छिपाने के लिए पटना में ट्रैक पर फेंका था शव
पटना के पुनपुन में रेलवे ट्रैक पर मिले युवक-किशोरी के शव मामले में प्रेम-प्रसंग के चलते हत्या का खुलासा हुआ है। पिता और चाचा ने सामाजिक बदनामी के डर से महाकाल गैंग के साथ मिलकर हत्या की। पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। पुनपुन के केवड़ा ओपी क्षेत्र के चंदन नगर रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार की सुबह क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुई युवक और किशोरी की लाश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार, दोनों की प्रेम-प्रसंग के चलते साजिश के तहत हत्या की गई थी।
पिता अरुण यादव और चाचा सुनील कुमार ने ही सामाजिक बदनामी के डर से महाकाल गैंग के अपराधियों के साथ मिलकर नाबालिग बेटी और प्रेमी की पिटाई और गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या को हादसे में बदलने के लिए दोनों के शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था।
एसपी पूर्वी परिचय कुमार ने बताया कि हत्याकांड में शामिल प्राथमिकी राहुल कुमार और अप्राथमिकी अभियुक्त दीनबंधु कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों धनरुआ के रहने वाले हैं।
रामकृष्णा नगर स्थित जिस मकान में दोनों की पिटाई की गई थी, वहां से खून के निशान मिटाने और पुलिस को सूचना नहीं देने के आरोपित मकान मालकिन राखी देवी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वारदात में शामिल मुख्य आरोपित चाचा-पिता सहित अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
एसपी पूर्वी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे किशोरी और युवक का शव बरामद किया गया था। उनकी पहचान धनरुआ के छाती गांव निवासी 15 वर्षीय लवली कुमारी और सिगरामपुर गांव के 19 वर्षीय सुबोध यादव उर्फ लोहा यादव के रूप में हुई। शव छह टुकड़ों में थे।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में ही लगा कि यह हादसा नहीं, उनके गले पर निशान हत्या की तरफ इशारा कर रहे थे। हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एसआइटी का गठन किया गया।
इस संबंध में मृतक के स्वजन के फर्दबयान पर 12 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ इनके पुत्र का अपहरण कर हत्या कर देने के आरोप के केस किया गया।
तकनीकी अनुसंधान में पता चला कि किशोरी का अपहरण सात सितंबर को धनरुआ थाना क्षेत्र से किया गया था। इस मामले में उसकी दादी लीला देवी ने केस दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने उसके प्रेमी सुबोध कुमार उर्फ लोहा यादव और साथियों पर अगवा करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने यहीं से जांच शुरू की। पुलिस ने पाया कि यह कोई सामान्य अपहरण और हत्या का मामला नहीं है, बल्कि किशोरी के घरवालों ने ही समाज में बदनामी से बचने के लिए हत्या की साजिश रची थी। अब पुलिस यह पता करने में जुट गई कि दोनों की हत्या कहां और कब की गई? इसके लिए पुलिस लोहा यादव के दोस्तों से पूछताछ की।
छानबीन में पता चला कि लोहा ने छह सितंबर की शाम किशोरी के साथ रामकृष्णानगर स्थित भगत सिंह चौक के समीप अपने दोस्त के कमरे पर गया और वहीं रह रहा था।
दोनों ने आठ सितंबर को शादी की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर साझा की थीं। 11 सितंबर को लड़की के घरवालों को सूचना मिल चुकी थी कि दोनों रामकृष्णा नगर में हैं।
किशोरी के चाचा सुनील कुमार की महाकाल गैंग से दोस्ती थी। वह इस गैंग के 12 से 15 बदमाशों को साथ लेकर 11 सितंबर की शाम सवा सात बजे रामकृष्णानगर के भगत सिंह स्थित उस मकान में पहुंचा, जहां किशोरी और प्रेमी ठहरे थे।
वहां कमरे में ही किशोरी और प्रेमी की बेरहमी से पिटाई की। दोनों को लहूलुहान हालत में कमरे से सीढि़यों से खींचते हुए वाहन में साथ ले गए। उसी रात गला घोंटकर दोनों की हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर रख सभी फरार हो गए।
सीसीटीवी में दिखे आरोपित, सीढ़ियों पर थे खून के धब्बे
पुलिस जांच के लिए रामकृष्णानगर स्थित राखी देवी के मकान पहुंची। जिस कमरे में प्रेमी युगल ठहरे थे उसकी जांच की जांच गई। कुछ जगह खून के छींटे मिले, तब एफएसएल की टीम को बुलाया गया।
जांच में कमरे और सीढ़ियों पर खून के धब्बे मिले। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा। इसमें राहुल कुमार और दीनबंधु भी दिखे थे।
गिरफ्तार मकान मालकिन से पूछताछ की गई तो यह सामने आया कि उसने घटना की सूचना 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस को नहीं दी। इतना ही नहीं, खून के धब्बों को साफ करने का भी प्रयास किया गया था ताकि साक्ष्य मिट सके।
किशोरी के घर बार-बार जाकर लोहा देता था धमकी
लोहा यादव के खिलाफ धनरुआ और नालंदा के करायपशुराय थाने में लूट का मामला भी दर्ज था। बताया जा रहा है कि लोहा बार-बार किशोरी के घर जाकर धमकी देता था और उसे उठाकर ले जाने की बात कहता था।
घटना के एक सप्ताह पूर्व भी लोहा और उसके साथियों ने किशोरी के घर पर चढ़कर गाली गलौज की थी। प्रेम प्रसंग किशोरी के परिवार वालों को पसंद नहीं था।
गिरफ्तार राहुल के खिलाफ धनरुआ थाने में पहले से पांच केस दर्ज हैं और उसी थाने में दीनबंधु पर हत्या सहित दो मामले हैं।
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