बिहार में प्रेम-प्रसंग और जमीन विवाद में होते हैं सबसे ज्यादा मर्डर, NCRB की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में प्रेम-प्रसंग और जमीन विवाद के कारण सबसे अधिक हत्याएं होती हैं। वर्ष 2023 में प्रेम-प्रसंग में 259 और जमीन विवाद में 500 हत्याएं बिहार में हुईं। इसके अतिरिक्त बिहार में साइबर अपराध के मामले भी तेजी से बढ़े हैं और पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले भी अधिक हैं।

कुमार रजत, पटना। देश में जमीन विवाद और प्रेम-प्रसंग में सबसे अधिक हत्याएं बिहार में हो रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हाल में जारी वर्ष 2023 की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में 1409 हत्याएं प्रेम-प्रसंग में हुई हैं, जिनमें सर्वाधिक 259 मामले बिहार के हैं। उत्तरप्रदेश 227 हत्याओं के साथ दूसरे और गुजरात 144 हत्याओं के साथ तीसरे स्थान पर है।
जमीन विवाद में देश में 1878 हत्याएं हुईं, जिनमें बिहार में सर्वाधिक 500 हत्याएं हुईं। यूपी 172 के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 145 के साथ तीसरे स्थान पर है।
पारिवारिक विवाद में हत्या में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद बिहार तीसरे स्थान पर है। बिहार में 345 पारिवारिक विवाद में हत्याएं हुई हैं, जबकि 703 हत्या का कारण आपसी विवाद या दुश्मनी रही है।
एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में देश में सर्वाधिक 3307 हत्याएं उत्तरप्रदेश में दर्ज की गईं जबकि बिहार 2862 के साथ दूसरे स्थान पर रहा। बिहार में वर्ष 2023 में हत्या के मामलों में थोड़ी कमी दर्ज की गई है। इसके पहले वर्ष 2022 में 2930 हत्याएं दर्ज की गई थीं। बिहार में हत्या दर 2.2 रही।
तेलंगाना, ओडिशा, मणिपुर, झारखंड, हरियाणा, छत्तसीगढ़, असम और अरुणाचल प्रदेश में बिहार से अधिक हत्या दर है।
पुलिस-सरकारी कर्मियों पर हमले में बिहार अव्वल
देश में बवाल के साथ पुलिस और सरकारी कर्मियों पर हमले के सर्वाधिक मामले बिहार में दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी के अनुसार, वर्ष 2023 में बिहार में पुलिस और सरकारी कर्मियों पर हमले के सर्वाधिक 449 मामले सामने आए हैं।
दूसरे राज्यों की तुलना में यह संख्या कई गुना अधिक है। इस मामले में मध्यप्रदेश 32 मामलों के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 23 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
बिहार में ढाई गुना बढ़ा साइबर अपराध
एक साल में बिहार में साइबर अपराध के मामले ढाई गुना बढ़े हैं। एनसीआरबी के अनुसार, वर्ष 2021 में साइबर अपराध के 1413 मामले सामने आए जो 2022 में बढ़कर 1621 हो गए। वहीं, 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 4450 तक पहुंच गई।
राज्य में साइबर अपराध की दर 3.5 है, जबकि चार्जशीट रेट 82.7 है। देश में मिजोरम, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद बिहार चार्जशीट करने के मामले में सबसे आगे है। देश में एटीएम फ्रॉड के सर्वाधिक 895 मामले बिहार में दर्ज किए गए हैं, जबकि 580 मामलों के साथ तेलंगाना दूसरे नंबर पर है।
अपराध दर में पटना पांचवें स्थान पर, दिल्ली-जयपुर से बेहतर
देश के 19 मेट्रो शहरों में अपराध दर के मामले में पटना पांचवें स्थान पर है। एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, पटना में 2023 में 14 हजार 317 आपराधिक कांड हुए।
इस दौरान अपराध दर यानी क्राइम रेट 699.4 रहा। इस मामले में दिल्ली, कोच्चि, जयपुर, इंदौर में पटना से अधिक अपराध दर दर्ज की गई। पटना में 91 हत्याएं रिकार्ड की गईं और हत्या दर देश में सर्वाधिक 4.4 रहा।
बिहार में हुई हत्या के कारण
- 703 - आपसी विवाद या दुश्मनी
- 500 - जमीन विवाद
- 345 - पारिवारिक विवाद
- 322 - कारण स्पष्ट नहीं
- 259 - प्रेम-प्रसंग में
- 238 - निजी लाभ के लिए
- 91 - दहेज के कारण
- 76 - अवैध संबंध में
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