Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Health: कहीं आपका दिल बीमार तो नहीं! द‍िखें ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान; पटना के डॉक्‍टरों ने क्‍या दी सलाह

    By Nalini Ranjan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 08:22 PM (IST)

    पटना के डॉक्टरों के अनुसार, सांस फूलना, सीने में दर्द, थकान और चक्कर आना जैसे लक्षण दिल की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियम ...और पढ़ें

    Hero Image

    अपने हृदय की सेहत का रखें ख्‍याल। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। हाल के दिनों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। चिंताजनक बात यह है कि अब इसका दायरा केवल अधिक उम्र के लोगों तक सीमित नहीं रहा है। 25-40 वर्ष की आयु के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बदलती जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान, प्रदूषण और शारीरिक गतिविधियों में कमी को विशेषज्ञ मुख्य कारण मानते हैं। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोलाजी (IGIC) के उप निदेशक सह डीएम कार्डियोलाजिस्ट डा. रोहित कुमार ने बताया कि जागरूकता, समय पर पहचान और संतुलित जीवनशैली अपनाने से हार्ट अटैक की संभावना को काफी कम किया जा सकता है। 

    Heart Attack के शुरुआती लक्षण

    • सीने में दबाव, भारीपन या दर्द महसूस होना
    • दर्द का बांह, जबड़े, कंधे या पीठ तक फैलना
    • अत्यधिक पसीना आना
    • कमजोरी, सिर हल्का होना या चक्कर आना
    • सांस फूलना
    • घबराहट, बेचैनी या अचानक थकान
    • अपच जैसा महसूस होना (विशेषकर महिलाओं में यह लक्षण प्रमुख हो सकता है)

    लोगों को अपने दिल के स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता अपनानी होगी और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। कहा कि हार्ट अटैक अब केवल उम्रदराजों की बीमारी नहीं रह गई है। इसलिए हर आयु के लोगों के लिए सतर्क रहना और स्वस्थ दिनचर्या अपनाना समय की आवश्यकता है। 

    IGIMS के पूर्व कार्डियोलाजिस्ट प्रो. नीरव कुमार ने बताया कि हार्ट अटैक की स्थिति में अस्पताल पहुंचाने में देर न करें, क्योंकि हार्ट अटैक के गोल्डन आवर (पहला दो-तीन घंटा) में इलाज मिलना जीवनरक्षा की संभावना को काफी बढ़ा देता है। आइजीआइसी की सीनियर चिकित्सा अधिकारी डा. शमा रानी ने बताया कि यदि आपके परिवार में हार्ट के बीमारियों का कोई पुराना इतिहास हो तो आपको अपने रिस्क फैक्टर को जरूर चेक करानी चाहिए। यह कार्य 20-25 वर्ष की उम्र से ही हो तो बेहतर होगा। 

    इन स्थितियों में तुरंत सावधानी बरतें

     

    • सीने में 10-15 मिनट से अधिक समय तक दर्द रहना
    • सांस लेने में कठिनाई बढ़ती जाए
    • चेहरे का रंग पीला या नीला पड़ने लगे
    • व्यक्ति बेहोश होने लगे या असामान्य कमजोरी महसूस करे


    हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

    • जीवनशैली में सुधार
    • रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलें या हल्का व्यायाम करें।
    • धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
    • वजन नियंत्रित रखें। 

    खानपान में सावधानी

    • अधिक तेल, घी, तले खाद्य पदार्थ और फास्ट फूड कम करें।
    • फल, सब्जियां, फाइबर और पर्याप्त पानी का सेवन बढ़ाएं।
    • नमक और चीनी का उपयोग सीमित रखें।
    • तनाव कम करें
    • पर्याप्त नींद लें।
    • योग, ध्यान और नियमित विश्राम के अभ्यास अपनाएं। 

    नियमित स्वास्थ्य जांच

    • हाई बीपी
    • डायबिटीज
    • हाई कोलेस्ट्राल
    • पारिवारिक इतिहास (परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही हो)


    युवाओं में बढ़ने के कारण

    • अत्यधिक मानसिक तनाव
    • धूम्रपान/नशीली चीजों का सेवन
    • जिम में भारी वेट लिफ्टिंग के दौरान अचानक अत्यधिक दबाव
    • रात में कम नींद और लंबा स्क्रीन टाइम
    • जंक फूड और असंतुलित दिनचर्या