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    Health: सप्‍ताह में बस एक द‍िन खाएं चावल; PMCH के सीनियर डॉक्‍टर ने क‍िन्‍हें दी सलाह? महीने में एक-दो द‍िन उपवास को बताया फायदेमंद

    By Pawan Mishra Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 08:38 PM (IST)

    पटना PMCH के सीनियर डॉक्टर ने स्वास्थ्य सुझाव देते हुए कहा कि सप्ताह में केवल एक दिन चावल खाना चाहिए। उन्होंने महीने में एक-दो दिन उपवास रखने के फायदे ...और पढ़ें

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    पाठकों के प्रश्‍न का जवाब देते  प्रो. डा. बीके चौधरी। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। राजधानीवासी इस समय स्वास्थ्य की दोहरी मार से जूझ रहे हैं। एक ओर चार दिन से कड़ाके की ठंड शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर कर रही है तो दूसरी ओर हवा में घुले खतरनाक पार्टिकुलेट मैटर जैसे पीएम 10, पीएम 2.5 व पीएम1.5 सांसों से सीधे फेफड़े में पहुंच रहे हैं।

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    इसके कारण आजकल सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार से लेकर पेट की खराबी तक के मरीज तेजी से बढ़े हैं। साथ ही बीपी, हृदय, मधुमेह से लेकर दमा-ब्रांकाइटिस के रोगियों की समस्या भी गंभीर हुई है।

    पेट्रोल, डीजल, कोयला-लकड़ी से निकलने वाले धुएं के संपर्क में लंबे समय तक रहने पर लंबे समय तक लगातार खांसी से लेकर फेफड़ों के कैंसर तक का खतरा बढ़ रहा है।

    आजकल फेफड़ों के कैंसर के चार में से एक मरीज वायु प्रदूषण के कारण इसकी चपेट में आ रहा है। ऐसे हालात में खुद को सुरक्षित रखने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना जरूरी है।

    विटामिन-सी, ओमेगा-3, फैटी एसिड व विटामिन-डी से भरपूर भोजन लेना चाहिए। पारंपरिक जीवनशैली अपनाते हुए सादा भोजन जिसमें बाजरा जैसा मोटा अनाज हो व माह में एक-दो बार उपवास करने से भी कई गंभीर रोगों का खतरा कम होता है।

    ठंड व प्रदूषण के इस दौर में सावधानी, सही जीवनशैली व खानपान ही सबसे बड़ा बचाव है।ये बातें दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में पीएमसीएच में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर सह फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डा. बीके चौधरी ने रविवार को पाठकों के सवालों के जवाब में कहीं।

    शीतलहरी व वायुप्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचाव को क्या करें?

    ठंड से बचाव को घर में रहें पर ब्लोअर-हीटर लगातार लंबे समय तक नहीं जलाएं। बीच-बीच में खिड़की दरवाजे खोल दें ताकि संक्रामक वायरस बाहर निकल जाएं।

    प्रदूषण से बचाव को घर में इनडोर प्लांट लगाएं और बाहर जाएं तो मास्क पहनें। घर के आसपास व टैरेस पर पानी का छिड़काव करें, एयर प्यूरीफायर बहुत उपयोगी नहीं है।

    खाने में पंपकिन, चिया समेत अन्य सीड्स काे रात में पानी में भिंगोकर प्रयोग करें, उनमें ओमेगा थ्री समेत तमाम पोषक तत्व होते हैं जो बहुत गर्म हाेने के साथ नींद ठीक करते हैं और प्रोस्टेट की समस्या नियंत्रित करते हैं, जिससे रात में बार-बार बाथरूम नहीं जाना पड़ता।

    घर के आसपास जगह हो तो पास पेड़ हर व्यक्ति रोपे तो वायु गुणवत्ता दुरुस्त होगी और खांसी जैसी समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी।

    गले में खराश, थोड़ी-थोड़ी देर में खांसी आती है?

    आपके रोग में दवा की जरूरत नहीं है। केवल गेहूं या केवल चावल समेत सभी सफेद चीजाें का सेवन कम करें। खाने में श्री अन्न, पंच अन्न की रोटी शामिल करें।

    रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से योग-ध्यान के साथ स्ट्रेचिंग जैसे कुछ व्यायाम जरूर करें। विटामिन सी के लिए आंवले, अदरक, मिर्च को कद्दूकश कर उसकी चटनी का सेवन करें।

    संतरा व केले जैसे ठंडे फलों का सेवन धूप में ही करें। वायु प्रदूषण से बचाव को खिड़की दरवाजे बंद रखें और इनडोर पौधे लगाएं। दिक्कत हो तो पीएमसीएच में बुधवार व सोमवार को 401 नंबर ओपीडी कक्ष में आकर मिलें।

    ठंड में नहाने पर घबराहट बढ़ जाती है?

    ठंड से सभी रक्त धमनियां सिकुड़ जाती है, इससे ब्रेन हैमरेज या हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। यदि नहाते समय बेचैनी बढ़ती है तो धड़कन अनियमित का मामला है।

    बीपी को 120 बाई 70-75 और नाड़ी गति 90 से 70 के साथ जरूरत हो तो हार्ट रेट कम करने के लिए बीटा ब्लाकर की जरूरत पड़ सकती है। नजदीकी डाक्टर से मिलकर परामर्श लें और बीपी नियमित रूप से मापते रहें। सुबह आठ बजे व शाम छह बजे बीपी मापें और इसे 120 से 130 बाई 75 से 85 के बीच स्थिर रखें।

    बाईं ओर छाती में पांच दिन से दर्द है?

    हृदय रोग का दर्द छाती के बीचोबीच शुरू होता है जो बांह से नीचे तक व जबड़े आदि में फैलता है। आपको मशल्स पेन हैं। आप अंकुरित मूंग, नींबू, आंवला व विटामिन सी व ई से भरपूर चीजें खाएं, इन्हीं की कमी से मांसपेशियों का दर्द होता है। दर्द की दवा नहीं लें।

    रात का खाना जैसे पेट में रखा रहता है? 

    हमारे शास्त्रों में लिखा है कि सूर्यास्त के बाद खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि रात में ही कोलेस्ट्राल, किडनी रोग, कैंसर काेशिकाओं आदि का विकास होता है।

    यदि रात में खाना खाएंगे तो शरीर की ऊर्जा खाना पचाने में खर्च हो जाएगी और ये रोग तेजी से बढ़ सकते हैं। भूखे रहने पर ये कोशिकाएं अपने आप नष्ट हो जाती हैं।

    इसलिए माह में एक से दो व्रत जरूरी हैं। इसके अलावा चावल सप्ताह में सिर्फ एक दिन ही खाएं। रात में भूख लगे तो आधा कप दूध या एक सेब ले सकते हैं।