Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा-अगले सत्र से दरभंगा एवं बक्‍सर के आयुर्वेदिक कालेज में होगी पढ़ाई

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Tue, 24 Aug 2021 08:50 AM (IST)

    राष्ट्रीय सेमिनार में बोले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हेल्थ व वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित होंगे 54 प्राथमिक ...और पढ़ें

    Hero Image
    आयुर्वेद पद्धति से इलाज देखते स्‍वास्थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय। जागरण

    पटना, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Minister of Health Mangal Pandey) ने सोमवार को कहा कि आयुर्वेद समेत आयुष चिकित्सा पद्धतियां देश-दुनिया में लोकप्रिय हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) देसी चिकित्सा पद्धतियों को कितना महत्व देते हैं, यह अलग आयुष मंत्रालय और उसका सचिव एक वैद्य को बनाने से स्पष्ट होता है। हर व्यक्ति को आयुर्वेद व आयुष चिकित्सा पद्धति का लाभ मिले इसलिए राज्य सरकार कई कार्य कर रही है। बंद चार आयुर्वेदिक कालेजों में बेगूसराय में अंडर ग्रेजुएट की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अगले सत्र से दरभंगा व बक्सर और उसके बाद भागलपुर में भी अंडर ग्रेजुएट के लिए नामांकन शुरू हो जाएगा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    54 पीएचसी को बनाया जा रहा हेल्‍थ एवं वेलनेस सेंटर 

    केंद्रीय आयुष मंत्रालय, राज्य आयुष समिति और अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित छह दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि बड़े संस्थानों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित कर आयुष पद्धतियों से उपचार किया जाएगा। प्रदेश के 54 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर (Health and Wellness Center) के रूप में विकसित करना है, 18 में यह कार्य हो चुका है।  

    28 वर्षों बाद हो रही बहाली

    उन्होंने कहा कि प्रदेश में 28 वर्ष 3270 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की जा रही है। इसके पूर्व उन्होंने अस्पताल में दंत चिकित्सा शुरू करने के लिए डेंटल चेयर का उद्घाटन किया। इसके अलावा मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने के लिए बेड लिफ्ट सुविधा व डिजिटल एक्स-रे मशीन स्थापना कार्य का शुभारंभ कराया। मेडिकल कालेजों की तर्ज पर यहां एक्स-रे निश्शुल्क होगा। पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के विस्तारीकरण को कुछ नए स्थल इससे जोड़े जाएंगे। 

    आयुर्वेदिक चिकित्‍सा के लिए बनाएं एप

    स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव सह राज्य आयुष समिति के कार्यपालक निदेशक अरविंदर सिंह ने कहा कि तकनीकी सामर्थ्‍य का विकास जरूरी है। आयुष समिति ने इंटरनेट मीडिया एप बनाया है। इसी तर्ज पर आयुर्वेदिक कालेज भी सोशल मीडिया एप बनाएं और आमजन को उससे जोड़ें। इससे न केवल आयुर्वेद की पहुंच बढ़ेगी बल्कि शोध के नए विषय भी मिलेंगे।  कार्यक्रम को आयुर्वेद सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष डा. वैद्य धनंजय शर्मा, महासचिव वैद्य अरुण कुमार, मुख्य वक्ता सर गंगाराम अस्पताल के परमेश्वर अरोड़ा, आयुर्वेद कालेज के प्राचार्य डा. विजय शंकर दूबे, प्राचार्य डा. संपूणानंद तिवारी ने भी संबोधित किया। 

    केरल की तर्ज पर पहले आयुर्वेद फिर एलोपैथी से हो इलाज 

    नई दिल्ली के सर गंगाराम हास्पिटल डा. परमेश्वर अरोड़ा ने कहा कि शिक्षा, तकनीक, सुविधाएं, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, डाक्टर व हास्पिटल बढऩे के बावजूद आज हमारे पास अपने दादा जैसी सेहत, रोग प्रतिरोधक क्षमता, शारीरिक ताकत नहीं है। इसका कारण खानपान, जीवनशैली और हर रोग का इलाज रसोईघर से शुरू होने के बजाय रासायनिक दवाओं से शुरू होना है। देश-दुनिया में स्वास्थ्य सुविधाओं का नियंत्रण डब्ल्यूएचओ करता है, जिसके अधिकारी हमारे देश की छह ऋतुओं और उसके अनुसार खानपान से अवगत नहीं है। स्वस्थ रहना है तो केरल की तर्ज पर रोगी को पहले आयुर्वेदिक डाक्टर के पास जाना चाहिए जब वह कहें कि अंग्रेजी उपचार की जरूरत है तभी वहां जाएं।

    आयुर्वेद बताता है स्‍वस्‍थ रहने के तरीके 

    आयुर्वेद बताता है कब, कितना पानी-दूध कैसे पीना चाहिए। मधुमेह, बीपी, पाचन तंत्र खराब होना, मोटापा, किडनी खराब, किडनी में पथरी वालों को अधिक पानी नहीं पीना चाहिए। इसी तरह खाते समय खाने की गुणवत्ता, मात्रा, खाद्य पदार्थों का समायोजन, समय, खाने का तरीका जानना जरूरी है। यदि पौष्टिक चीजों को भी गलत तरीके या गलत समय पर खाएंगे तो वे शक्ति देने के बजाय बीमार कर देंगी। 20 देशों में उपचार करने वाले ओडिशा के डा. डीपी दास ने मनोविकृतियों के इलाज पर प्रकाश डाला।