गैर मानक छोटे निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की सख्ती, बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों के इलाज पर कार्रवाई
पटना में स्वास्थ्य विभाग ने गैर-मानक निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। 25 से कम बेड वाले अस्पतालों की जांच की जा रही है जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टर और प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं हैं। मानकों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें संचालन पर रोक भी शामिल है।

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गैर मानक छोटे निजी अस्पतालों पर सख्ती बरती जाएगी। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
सिविल सर्जन के निर्देश पर ऐसे अस्पतालों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां 25 से कम बेड हैं और न तो विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं और न ही प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी। इसके लिए अलग टीम गठित की गई है, जो अस्पतालों की जांच कर वहां तैनात विशेषज्ञ डाक्टरों और दक्ष कर्मियों की जानकारी जुटाएगी।
विभाग का कहना है कि यदि अस्पताल मानक के अनुरूप नहीं पाए जाते या वहां विशेषज्ञ डॉक्टर व तकनीकी कर्मियों की कमी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही मिलने पर संचालन तक पर रोक लगाई जा सकती है।
बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के ही इलाज
अधिकारियों के अनुसार, पटना में कई छोटे निजी अस्पताल ऐसे भी हैं जिनके निदेशक डॉक्टर नहीं हैं। वे बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के ही मरीजों का इलाज करते हैं, और कई बार खुद ही इलाज करने लगते हैं।
ऐसे मामलों में मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसे आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एम्स या एनएमसीएच रेफर कर दिया जाता है। शिकायतों के आधार पर ही विभाग ने कार्रवाई का निर्णय लिया है।
गुणवत्तापूर्ण इलाज जरूरी
सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और एनएमसी के दिशा निर्देशों के अनुरूप अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
यदि कोई निजी अस्पताल मानक के विपरीत संचालित हो रहा है, वहां विशेषज्ञ चिकित्सक या दक्ष कर्मचारी नहीं हैं, तो ऐसे संस्थानों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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