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बिहार में प्रधानाध्यापक-शिक्षकों की होगी निगरानी, सरकार ने प्रबंध समिति को दिए बड़े अधिकार

बिहार सरकार ने प्रबंध समिति को व्यापक अधिकार दिए हैं। प्रधानाध्यापकों के कार्यों एवं शिक्षकों के शैक्षणिक कार्यों की अब निगरानी होगी। राजकीयकृत परियोजना एवं उत्क्रमित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापित टीचरों के लिए लागू होगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 07 Mar 2022 12:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 Mar 2022 12:47 PM (IST)
बिहार में प्रधानाध्यापक-शिक्षकों की होगी निगरानी, सरकार ने प्रबंध समिति को दिए बड़े अधिकार
बिहार में टीचरों के कार्यों की निगरानी की जाएगी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में राजकीयकृत, परियोजना एवं उत्क्रमित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापित प्रधानाध्यापकों के कार्यों एवं शिक्षकों के शैक्षणिक कार्यों की अब निगरानी होगी। यह व्यवस्था नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। इसका खासा प्रविधान स्कूलों की प्रबंध समिति की संशोधित नियमावली में किया गया है। प्रबंध समिति को व्यापक अधिकार भी दिए गए हैं। समिति को शैक्षणिक, वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार भी दिए गए हैं। 

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शिक्षा विभाग के मुताबिक बिहार राजकीयकृत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंध समिति गठन एवं संचालन नियमावली, 2022 के तहत स्कूलों के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के कार्यकलापों पर प्रबंध समिति की निगरानी रहेगी। विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में सुधार, समुचित अनशासन, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर समुचित नियंत्रण, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को समयनिष्ठा बनाना, उपस्कर एवं अन्य सामग्री का संरक्षण, उनका लेखा, रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए सक्षम प्राधिकार का ध्यान आकृष्ट कराना, शिक्षकों के गहन प्रशिक्षण की व्यवस्था, विद्यालय के संचालन में अभिभावकों एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग की व्यवस्था, विद्यालय भवन की मरम्मती एवं सफाई की व्यवस्था, विद्यालय के विकास कार्यक्रमों की व्यवस्था, विकास के लिए प्राप्त अनुदान राशि का समय पर उपयोग व लेखा संधारण की व्यवस्था तथा विद्यालय के हित में अन्य आवश्यक कार्रवाई के अधिकार प्रबंध समिति को दिये गये हैं। प्रबंध समिति के सभी निर्णय बहुमत द्वारा लिए जाएंगे।

प्रबंध समिति के कार्य

प्रबंध समिति की बैठक समय-समय पर बुलाने, बैठक की कार्यवाही तैयार कर उसका संधारण, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर पूर्ण नियंत्रण, विद्यालय में समुचित अनुशासन, शिक्षण की प्रगति, पाठ्यक्रम के तहत शिक्षकों की प्रगति, विद्यालय भवन, उपस्कर, पाठ्यसामग्री, कक्षा, प्रयोगशाला, पुस्तकालय की समुचित साफ-सफाई व रख-रखाव, मासिक, त्रैमासिक, अद्र्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं का समय से संचालन, मूल्यांकन एवं परीक्षाफल, विद्यालय निधि का नियमानुसार समुचित प्रयोग व लेखा का संधारण, लेखा का समय-समय पर अंकेक्षण व आपत्तियों का निराकरण, खेलकूद, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं बाल विकासोपयोगी कार्यक्रम की व्यवस्था, एकेडमिक कैलेंडर, विद्यालय का चतुर्दिक विकास तथा अभिभावक-शिक्षक एसोसिएशन के गठन का जिम्मा प्रबंध समिति के पास होगा। विद्यालय विकास कोष, छात्र कोष एवं अन्य राशि का व्यय विभागीय पत्र-परिपत्र एवं निर्देशों के अनुरूप होगा। विद्यालय विकास कार्य योजना, मद एवं कार्य के लिए प्रबंध समिति ही स्वीकृति प्रदान करेगी। उसके अनुरूप राशि की निकासी होगी। प्रबंध समिति के नामित संयुक्त नाम से खोले गये बचत खाता में राशि जमा की जायेगी तथा उनके संयुक्त हस्ताक्षर से राशि की निकासी होगी।

प्रबंध समिति का गठन

शिक्षा विभाग द्वारा जिन विद्यालयों में राज्यसभा सदस्य/लोकसभा सदस्य/विधान परिषद सदस्य को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय का प्रबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया जाएगा, उन विद्यालयों को छोड़ कर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित सदस्य अपने क्षेत्राधीन सभी अन्य माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रबंध समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे। प्रधानाध्यापक सचिव होंगे और उनके द्वारा मनोनीत एक शिक्षक प्रतिनिधि सदस्य, विद्यालय के लिए जमीन दान देने वाले या उसकी स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति को सदस्य, एक शिक्षा प्रेमी को सदस्य, अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग का एक व्यक्ति प्रबंध समिति में सदस्य होंगे। 


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