बिहार में ट्रैफिक चालान काटने में मनमानी पर लगेगी रोक! लोकहित याचिका पर पटना HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
पटना हाई कोर्ट ने बिहार में मनमाने ढंग से काटे जा रहे ट्रैफिक चालान के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस सुधीर सिंह और न्यायाधीश आलोक कुम ...और पढ़ें

लोकहित याचिका पर कोर्ट ने की कार्रवाई। सांकेतिक तस्वीर
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट में बिहार में ट्रैफिक चालान काटे जाने से जुड़े विवादों के निपटारे की व्यवस्था को लेकर लोकहित याचिका पर सुनवाई हुई।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सुधीर सिंह और न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने रानी तिवारी की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (बालसा) को नोटिस जारी करने के साथ -साथ राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास पंकज ने अदालत को बताया कि देश के कई राज्यों में ट्रैफिक चालान से संबंधित विवादों की सुनवाई और सेटलमेंट लोक अदालत एवं विशेष लोक अदालतों के माध्यम से की जाती है।
दूसरे राज्यों का दिया हवाला
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में लगातार दो सप्ताह तक विशेष अभियान चलाकर ट्रैफिक चालानों से जुड़े मामलों का निपटारा किया गया। इसी तरह महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में भी लोक अदालतों के जरिए इन विवादों का समाधान होता है।
अधिवक्ता ने दलील दी कि बिहार में ट्रैफिक चालान मनमाने ढंग से काटे जाते हैं, लेकिन इनके समाधान के लिए लोक अदालत या विशेष लोक अदालत की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है।
इससे आम लोग परिवहन विभाग की कथित मनमानी का शिकार होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई मामलों में चालान लंबित रहने पर जबरन भुगतान कराया जाता है और भुगतान नहीं होने की स्थिति में प्रदूषण प्रमाण-पत्र तक जारी नहीं किया जाता।
याचिका में मांग की गई कि ट्रैफिक चालान विवादों की सुनवाई और सेटलमेंट के लिए राज्य में लोक अदालत या विशेष लोक अदालत की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि नागरिकों को एक वैकल्पिक और सुलभ मंच मिल सके। इस मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च 2026 को होगी |

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