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    क्या BJP में जाएंगे हरिवंश? जदयू से बढ़ी दूरी; राज्यसभा के उपसभापति को देखना होगा दूसरा रास्ता

    By Edited By: Yogesh Sahu
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 12:59 PM (IST)

    बिहार में जदयू में सियासी हलचल उस समय तेज हो गई जब ललन सिंह ने राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश को लेकर बयान दिया। इससे पहले जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची में हरिवंश का नाम शामिल नहीं होने को लेकर सिर्फ चर्चाएं थीं। हालांकि ललन ने ही अपने बयान से इस विवाद को थामने का प्रयास भी किया। बहरहाल अब सियासी गलियारों में कई सवाल उठ रहे हैं।

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    क्या BJP में जाएंगे हरिवंश? जदयू से बढ़ी दूरी; राज्यसभा के उपसभापति को देखना होगा दूसरा रास्ता

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में सियासी गलियारों में हलचल तेज है। जदयू और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के बीच की दूरी बढ़ गई है। इस बात को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी गुरुवार को स्थिति साफ कर दी है।

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    ललन ने कहा है कि हरिवंश जब तक राज्यसभा में उप सभापति के पद पर हैं, तब तक जदयू में ही बने रहेंगे। इसके बाद सबकुछ उनके ऊपर है। ऐसे में हरिवंश को लेकर सियासी गलियारों में कई सवाल तैर रहे हैं। चर्चा हो रही है कि क्या हरिवंश भाजपा में जाएंगे?

    तनाव की चर्चा थी, अब खुलकर सामने आ गई

    साल भर से जदयू और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के बीच तनाव के बारे में जो चर्चाएं चल रही थीं, वह अब खुलकर सामने है।

    दूरी इतनी बढ़ गई है कि हरिवंश स्वयं दल से अलग हो जाएं या कानूनी रूप से अवसर मिलने पर जदयू उन्हें बाहर कर देगा।

    हरिवंश को निकालने का एक रास्ता तब बनेगा, जब वे पार्टी की ओर से जारी व्हिप का उल्लंघन करें।

    ललन सिंह ने खत्म किया विवाद

    उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं रखने के विवाद को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने गुरुवार को एक बयान देकर समाप्त कर दिया।

    ललन सिंह ने कहा कि पिछले साल के नौ अगस्त से वे (हरिवंश) जदयू संसदीय दल की बैठक में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं। शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रोक दिया है।

    मतभेद इस स्तर पर पहुंच गया कि ललन सिंह ने इस प्रश्न का सीधा उत्तर नहीं दिया कि आज की तिथि में हरिवंश जदयू में हैं या नहीं?

    तकनीकी रूप से जदयू के सदस्य रहेंगे हरिवंश

    उन्होंने कहा- इसके बारे में वही (हरिवंश) बता सकते हैं। हां, तकनीकी रूप से वे अभी जदयू से बाहर नहीं जा सकते हैं।

    कार्यकारिणी में हरिवंश का नाम नहीं रखने के प्रश्न पर नाराज हुए ललन ने संवाददाता से प्रति प्रश्न किया-आपसे पूछ कर नाम डालेंगे क्या?

    जदयू अध्यक्ष के रूख से साफ हुआ कि पार्टी ने हरिवंश को दल से अलग होने के लिए स्वतंत्र कर दिया।

    हालांकि, राज्यसभा सदस्य बने रहने तक वे तकनीकी रूप से जदयू के सदस्य रहेंगे। अकेले अलग होते हैं तो राज्यसभा की सदस्यता जा सकती है।

    राज्यसभा में उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक है। ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरिवंश को उप सभापति बनाया।