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    Health: बच्‍चों को हर दिन दें हल्‍दी वाला दूध; ठंड के मौसम में स्‍वयं भी कैसे रहें स्‍वस्‍थ? बता रहे आयुर्वेद च‍िक‍ित्‍सक

    By Nalini Ranjan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 19 Dec 2025 08:48 PM (IST)

    पटना के आयुर्वेद चिकित्सक बच्चों को हर दिन हल्दी वाला दूध देने की सलाह देते हैं। ठंड के मौसम में बच्चों को स्वस्थ रखने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ ...और पढ़ें

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    आयुर्वेद अपनाकर ठंड में रह सकते स्‍वस्‍थ। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में अब ठंड तेज हो गई है। गया में 12 डिग्री तो पटना में 13.8 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंच गया है।पटना समेत कई जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर पहले से ठीक है। इसके बाद भी कई इलाकों में यह चिंताजनक है। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर दिखने लगा है।

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    छींक, जुकाम, खांसी, गले में खराश, कब्ज और सांस से जुड़ी परेशानियां बढ़ रही हैं। खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

    राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के रोग एवं विकृति विभाग के डा. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सर्दियों की शुरुआत में यदि आयुर्वेदिक दिनचर्या और ऋतु के अनुसार खान-पान अपनाया जाए, तो ठंड और प्रदूषण के दुष्प्रभावों से काफी हद तक बचा जा सकता है।

    तेल मालिश, सूर्यस्नान और योग लाभकारी

    डा. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस मौसम में रोजाना सरसों के तेल से सिर से पांव तक हल्की मालिश करनी चाहिए। सुबह नाक में सरसों तेल की एक-दो बूंद डालना श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी होता है।

    प्रतिदिन 20-30 मिनट सुबह की धूप लेने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके साथ अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी जैसे योग अभ्यास करने तथा रात में भाप लेने से सांस संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।

    सर्दी में सही भोजन है सेहत की ढाल

    बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि सर्दी की शुरुआत में बच्चों और बुजुर्गों में सर्दी-खांसी व बुखार की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में पौष्टिक और उष्ण भोजन जरूरी है।

    बच्चों को प्रतिदिन हल्दी वाला दूध देना लाभकारी है। आंवला इस मौसम में आसानी से उपलब्ध होता है, जो विटामिन-सी का उत्तम स्रोत है और इम्युनिटी बढ़ाता है।

    उन्होंने बताया कि रात में सरसों तेल में लहसुन और अजवाइन पकाकर हल्का गर्म रहने पर उसमें कपूर मिलाकर बच्चों के सीने और पीठ पर मालिश करने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।

    पाचन दुरुस्त रहेगा तो रोग दूर रहेंगे

    राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के प्रभारी अधीक्षक डा. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि ठंड में शारीरिक गतिविधि कम होने और पानी कम पीने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है, इससे कब्ज, गैस और भारीपन की समस्या बढ़ जाती है।

    दिनभर गुनगुना पानी पीना, भोजन में हरी सब्जियां, दाल और हल्का मसाला शामिल करना जरूरी है। रात को सोने से पहले गुनगुना दूध या पानी में थोड़ा घी लेना पाचन के लिए लाभकारी होता है।

    सर्दी, खराश और प्रदूषण से राहत के घरेलू उपाय

    विशेषज्ञों ने बताया कि सोंठ या कच्ची हल्दी के साथ गुड़ का हलवा, अजवाइन या सोंठ मिला गुनगुना पानी, गले में खराश होने पर मुलेठी चूसना, पिप्पली-सोंठ-काली मिर्च का चूर्ण तथा कंठकारी अवलेह, च्यवनप्राश या हल्दी दूध का सेवन इस मौसम में प्रभावी टानिक की तरह काम करता है।

    बताया कि नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार, गर्म कपड़े और योग को अपनाकर सर्दी और प्रदूषण के असर से खुद को काफी हद तक सुरक्षित रखा जा सकता है।