खतरे में यात्रियों की जान: मालगाड़ी के गार्ड चला रहे दुरंतो और गरीब रथ, जानिए
यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। पटना जंक्शन से खुलने वाली अधिकांश प्रतिष्ठित ट्रेनों में मेल-एक्सप्रेस के बजाय मालगाड़ी के गार्डों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
पटना [चंद्रशेखर]। क्या आप जानते हैं कि दानापुर मंडल के पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, दानापुर और पाटलिपुत्र स्टेशनों से खुलने वाली दर्जन भर से अधिक ट्रेनों में मालगाड़ी के गार्डों को ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। पटना जंक्शन से खुलने वाली अधिकांश प्रतिष्ठित ट्रेनों में मेल-एक्सप्रेस के बजाय मालगाड़ी के गार्डों की ड्यूटी लगाई जा रही है। संरक्षा एवं सुरक्षा नियमों के साथ ही यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
इसकी शिकायतें रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी को मिलीं तो उन्होंने गार्डों का ड्यूटी रोस्टर बनाने वाले बुकिंग इंचार्ज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डेढ़ दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में मालगाड़ी के गार्डों की रोस्टर ड्यूटी लगाई जा रही है। पटना जंक्शन पर वर्तमान में 78 गार्ड तैनात हैं। इनमें से मेल-एक्सप्रेस के 42 एवं मालगाड़ी के 36 गार्ड हैं। सवारी गाड़ी के मात्र 4 गार्ड ही बच रहे हैं।
दानापुर स्टेशन पर 76 गार्ड तैनात हैं। इसमें मेल-एक्सप्रेस के 36 एवं मालगाड़ी के 40 गार्ड हैं। दानापुर में 68 गार्ड की ही आवश्यकता है। 8 गार्ड यहां अतिरिक्त हैं।पटना जंक्शन एवं दानापुर में मेल-एक्सप्रेस के गार्ड की काफी कमी है। इसके कारण मालगाड़ी के गार्ड को प्रतिष्ठित ट्रेनों में ड्यूटी पर लगाया गया है। हाल ही में सवारी गाड़ी के 38 गार्ड को प्रोन्नति देकर उन्हें बकायदा मेल एक्सप्रेस गार्ड का प्रशिक्षण देकर ड्यूटी के लिए दानापुर एवं पटना जंक्शन पर तैनाती की गई है।
क्या है प्रावधान
मालगाड़ी एवं सवारी गाडिय़ों तथा मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन में काफी अंतर देखने को मिलता है। मालगाड़ी के गार्ड को पहले सवारी गाड़ी के गार्ड में प्रोन्नति दी जाती है। सवारी गाडिय़ों में तैनाती के पहले भी उन्हें मुजफ्फरपुर रेलवे ट्रेनिंग कालेज में 15 दिनों का विशेष प्रशिक्षण लेना पड़ता है।
तीन साल तक सवारी गाड़ी चलाने के बाद ही उन्हें मेल-एक्सप्रेस गार्ड के रूप में प्रोन्नति दी जाती है। इसके बाद फिर उन्हें प्रशिक्षण लेना पड़ता है। प्रशिक्षण के बाद ही वे मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों पर ड्यूटी कर सकेंगे। अभी मालगाड़ी के गार्ड को सीधे प्रतिष्ठित ट्रेनों के गार्ड के रूप में ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है। यह यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ है।
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