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    Real Estate GST: रियल एस्टेट से होगी जीएसटी की वसूली, वाणिज्य-कर विभाग ने तैयार की योजना

    वाणिज्य-कर विभाग के तहत गठित आइटी सेल द्वारा कर निर्धारण के नए मामले चिह्नित किए गए हैं। मासिक कर राजस्व की लगभग 90 प्रतिशत राशि देने वाले करदाताओं की नियमित निगरानी की जा रही है। रेड फ्लैग रिपोर्ट के माध्यम पर भी कार्रवाई हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2024-25 में तीन हजार करोड़ अधिक राजस्व संग्रह का लक्ष्य है।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 10 Jun 2024 04:02 PM (IST)
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    रियल एस्टेट से होगी जीएसटी की वसूली, वाणिज्य-कर विभाग ने तैयार की योजना

    राज्य ब्यूरो, पटना। रियल एस्टेट व दूसरे सेवा क्षेत्र से जीएसटी की वसूली के लिए वाणिज्य-कर विभाग विशेष अभियान चलाएगा। दरअसल, अप्रैल की तुलना में मई में जीएसटी की वसूली कम हुई है। उसके बाद लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की उगाही के लिए विभागीय स्तर पर पहल तेज हुई है।

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    दरअसल, नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान लोकसभा चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता रही। इस कारण जीएसटी वसूली में तेजी नहीं आ सकी थी। चुनाव समाप्त होने के बाद अब नए सिरे से करदाताओं को चिह्नित किया जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि वाणिज्य-कर विभाग के कुल राजस्व संग्रह में जीएसटी का योगदान 78 प्रतिशत है। इसमें वैट का योगदान 20 प्रतिशत है। विद्युत शुल्क की हिस्सेदारी 1.50 प्रतिशत की है और पेशा कर की 0.50 प्रतिशत की।

    विभाग द्वारा जिन नॉन-जीएसटी वस्तुओं पर टैक्स की वसूली की जा रही है, उनमें पेट्रोल-डीजल, प्राकृतिक गैस, एटीएफ सबसे महत्वपूर्ण हैं। इन पर वैट की वसूली की जाती है।

    वहीं, विद्युत शुल्क की वसूली भी जीएसटी से बाहर है और इसकी वसूली विद्युत शुल्क अधिनियम के तहत होती है। पेशा कर की वसूली वाणिज्य-कर विभाग द्वारा ही की जाती है। इस मद में प्रतिवर्ष औसतन 150 करोड़ रुपये की वसूली होती है।

    बहरहाल वाणिज्य-कर विभाग के तहत गठित आइटी सेल द्वारा कर निर्धारण के नए मामले चिह्नित किए गए हैं। मासिक कर राजस्व की लगभग 90 प्रतिशत राशि देने वाले करदाताओं की नियमित निगरानी की जा रही है। रेड फ्लैग रिपोर्ट के माध्यम पर भी कार्रवाई हो रही है।

    पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2024-25 में तीन हजार करोड़ अधिक राजस्व संग्रह का लक्ष्य है। वित्तीय वर्ष 2023-24 विभाग को 39550 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। 2024-25 के लिए 42500 करोड़ का लक्ष्य है।

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