Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुंगेर को मिली ₹29.88 करोड़ की सौगात, यहां स्थापित होगी भगवान शिव की विशाल प्रतिमा और पार्क

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 09:18 PM (IST)

    मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड में तेलडीहा मंदिर के पास भगवान शिव की विशाल प्रतिमा और आधुनिक पार्क बनेगा। इस परियोजना पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कांवरिया परिपथ में यह एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और प्रतिमा और पार्क बनने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।

    Hero Image
    तारापुर में स्थापित होगी भगवान शिव की विशाल प्रतिमा

    राज्य ब्यूरो, पटना। मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड स्थित प्रसिद्ध तेलडीहा मंदिर के नजदीक भगवान शिव की विशाल प्रतिमा एवं आधुनिक पार्क के निर्माण को स्वीकृति मिल गई है। इसकी जानकारी खुद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर 29 करोड़ 88 लाख 45 हजार रुपये खर्च होंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चौधरी ने बताया कि कांवरिया परिपथ के अन्तर्गत मुंगेर तारापुर का यह स्थान एक महत्वपूर्ण पर्यटक गंतव्य हैं। यहां लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष पर्यटकों का आगमन होता है। उन्होंने कहा कि वहां शिव प्रतिमा स्थापित होने और पार्क बनने से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।

    528.17 लाख रुपये में होगा भूमि अधिग्रहण

    योजना के अन्तर्गत यहां भगवान शिव की प्रतिमा का अधिष्ठापन, चहारदिवारी का निर्माण, पार्किंग, ब्रिज एवं अन्य कार्य कराए जाएंगे। योजना का कार्यान्वयन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा। तेलडीहा मंदिर के समीप सांस्कृतिक पर्यटन के विकास हेतु 15.44 एकड़ भूमि अधिग्रहण के निमित राशि 528.17 लाख रुपये की योजना स्वीकृत की गई है।

    भू-अर्जन की कार्रवाई जिला पदाधिकारी मुंगेर द्वारा किया जा रही है। योजना 18 माह में पूर्ण होने की संभावना है। उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार धार्मिक स्थलों के विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।

    इसी कड़ी मे तेलडीहा मंदिर के नजदीक इस निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।