बोलीं गोवा की राज्यपाल, फिल्म भोर में दिखता है समाज का प्रतिबिंब
गोवा के पोंडा शहर में बिहार महोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान बिहार के कलाकार सूबे की संस्कृति को प्रदर्शित कर रहे हैं। गुरुवार को गोवा की राज्यपाल ने फिल्म भोर के निर्देशक को सम्मानित किया।
पटना, जेएनएन। गोवा कला संस्कृति निदेशालय और बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गोवा के पोंडा में बिहार महोत्सव मनाया जा रहा है। मौके पर बिहार की मुसहर जाति की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म 'भोर' के निर्देशक कामाख्या नारायण सिंह को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने प्रतीक चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया। फिल्म भोर की प्रस्तुति के बाद राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने फिल्म के टीम को बधाई देते हुए कहा कि समाज का सही चित्रण फिल्म में दिखाया गया है।
फिल्म के लोग मुसहर समुदाय में साथ-साथ बैठकर उनकी बातों को समझा जिसे फिल्म में दिखाया गया। आज हम सभी गांव से दूर नहीं हुए हैं। मृदुला ने कहा कि मेरे घर के सामने भी ऐसे लोग अपने आशियाना बनाकर रहते हैं। जिसके कारण उन्हें नजदीक से देखने को मिला और आज यह फिल्म देखकर पुरानी यादें ताजा हो गई। फिल्म का शीर्षक भोर यानि सूर्योदय से पूर्व का समय होता है वह बहुत सटीक है। इस प्रकार की फिल्में समाज को नई दिशा प्रदान करेगी। ऐसे फिल्मों का निर्माण अधिक से अधिक हो सके। जिससे समाज का स्वरूप बदल सके। फिल्म की शूटिंग बिहार के नालंदा जिले में हुई है। अगले वर्ष फिल्म को देश के प्रमुख सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।