बिहार के कर्मचारी-अफसरों के हक में सरकार का बड़ा फैसला, एक दिन के इलाज का भी मिलेगा खर्च
Bihar News बिहार के कर्मचारी और अफसर अगर एक दिन के लिए भी निजी अस्पताल में इलाज को भर्ती होते हैं और उसी दिन डिस्चार्ज होते हैं तब भी सरकार उनके इलाज पर होने वाले खर्च का वहन करेगी।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य सरकार के कर्मचारियों और अफसरों के हक में सरकार ने बड़ा फैसला किया है। कर्मचारी-अफसर अगर एक दिन के लिए भी निजी अस्पताल में इलाज को भर्ती होते हैं और उसी दिन डिस्चार्ज होते हैं तब भी सरकार उनके इलाज पर होने वाले खर्च का वहन करेगी। सरकार ने इस संबंध में फैसला लेकर इससे सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव के साथ प्रमंडलों के आयुक्त और जिलाधिकारियों को अवगत करा दिया है।
पहले नहीं मिलता था एक दिन के इलाज पर हुआ खर्च
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को पहले एक दिन के लिए अस्पताल में भर्ती होने और इलाज पर होने वाले खर्च का वहन स्वयं की जेब से करना पड़ता था। एक दिन के इलाज पर होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार वहन नहीं करती थी।
- - डिस्चार्ज टिकट पर दर्ज होनी चाहिए इलाज की पूरी प्रक्रिया
- - पूर्व में अफसर-कर्मियों को नहीं मिलती थी प्रतिपूर्ति की सुविधा
मामले पर फैसले के लिए बनाई गई थी तीन सदस्यों की समिति
एक दिन की अंतर्वासी चिकित्सा पर होने वाला खर्च सरकार कर सकती है या नहीं ऐसा एक प्रस्ताव लंबे समय से सरकार के पास विचाराधीन था। इस मामले पर फैसला लेने के लिए 15 मार्च 2022 को निदेशक प्रमुख चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की अध्यक्षता में एक दिन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। आज समिति ने अपनी अनुशंसा रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।
चिकित्सा की पूरी प्रक्रिया बिल पर रहने पर होगा भुगतान
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रतिपूर्ति की स्वीकृति देने की अनुशंसा की है। साथ ही साफ किया है कि सरकारी कर्मचारी-अफसरों को एक दिन के अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने (मृत्यु भी शामिल) पर डिस्चार्ज टिकट पर यदि बीमारी के इलाज की पूरी प्रक्रिया दर्ज होगी जो एक दिन की अंतर्वासी चिकित्सा प्रतिपूर्ति दी जा सकती है। अनुशंसा के आलोक में सरकार ने फैसला लेते हुए विभागों के प्रमुखों के साथ जिलों के अफसरों को अवगत करा दिया है।
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