बिहार में मौसम के तेवर देखते हुए सरकार का निर्णय, एम्स से जुड़ेगी शिशु टेली आइसीयू परामर्श सेवा
Bihar News एईएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफ्लाइटिस) से पीड़ित बच्चों के त्वरित एवं उचित इलाज के लिए 11 जिलों में स्थापित शिशु गहन देखभाल ईकाई (पीकू) को सुदृढ़ करने की तैयारी में जुट गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में मौसम के तेवर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अति गंभीर, एईएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफ्लाइटिस) से पीड़ित बच्चों के त्वरित एवं उचित इलाज के लिए 11 जिलों में स्थापित शिशु गहन देखभाल ईकाई (पीकू) को सुदृढ़ करने की तैयारी में जुट गया है। शीघ्र ही विशेषज्ञों से सलाह के लिए टेली मेडिसीन की सुविधा इन संस्थानों में प्रदान की जाएगी। पीकू में एईएस एवं जेई के साथ-साथ एक माह से 12 साल के अति गंभीर पीड़ित बच्चों का भी उपचार किया जाएगा।
- - स्वास्थ्य मंत्री बोले- 11 जिलों में स्थापित पीकू को और किया जा रहा सुदृढ़
- - रोगों के कारण बच्चों की मौत की संख्या को भी कम किया जाएगा
- - प्रशिक्षण मिलने से ऐसे पीड़ित बच्चों को बेहतर चिकित्सा मिल पाएगी
पीड़ित बच्चों को बेहतर चिकित्सा मिल पाएगी
मंगल पांडेय ने कहा कि यह सुविधा शुरू हो जाने से न सिर्फ एईएस पीड़ित बच्चों का इलाज संभव होगा, बल्कि कई अन्य रोगों के कारण बच्चों की मौत की संख्या को भी कम किया जा सकेगा। पीकू वार्ड में टेली आइसीयू काउंसिलिंग की सुविधा उपलब्ध होने से बेहतर चिकित्सा के लिए बच्चों को कहीं बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा। एम्स, पटना से उक्त जिलों को शिशु टेली आइसीयू परामर्श सेवा से जोड़ा जाएगा। अनुभवी व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा टेली काउंसिलिंग का प्रशिक्षण मिलने से ऐसे पीड़ित बच्चों को बेहतर चिकित्सा मिल पाएगी। इस पहल से अति गंभीर परिस्थिति वाले बच्चों का उपचार जिले में संभव हो पाएगा।
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