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    Gopal Khemka Murder Case: 2018 में बेटे की हुई थी हत्या, 6 साल बाद वैसे ही पिता का मर्डर; क्या जुड़ी हैं कड़ियां

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 11:19 PM (IST)

    पटना में गोपाल खेमका की हत्या 2018 में हाजीपुर में उनके बेटे की हत्या के समान पैटर्न पर हुई। दोनों घटनाओं में एक ही शूटर शामिल था जिसने कार के बाहर से गोली मारी। पुलिस शूटर की तलाश कर रही है जिससे हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड का पता चल सके। खेमका के बड़े भाई पर भी पहले जानलेवा हमला हो चुका है।

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    गुंजन खेमका और गोपाल खेमका की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, पटना। जिस तरफ गोपाल खेमका को उनके आवास के गेट सामने कार में गोली मारी गई, उसी पैटर्न पर 20 दिसंबर 2018 में हाजीपुर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया स्थित फैक्ट्री के गेट पर एक शूटर ने उनके बेटे की गोली मार कर हत्या कर दी थी।

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    दोनों घटनाओं में अपराधी की संख्या एक थी। दोनों घटनाओं में शूटर ने कार के शीशे के बाहर से गोली मारी थी। फर्क इस इतना है, कि एक घटना हाजीपुर और दूसरी घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र में हुई।

    हाजीपुर में हत्या के बाद घायल चालक ने बताया गया था कि शूटर की उम्र 35 से 40 वर्ष रही होगी। वह हेलमेट पहने हुए था। वहीं, गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस के हाथ जो फुटेज लगा है, उसमें भी एक ही शूटर दिखा। फुटेज को देखने इस शूटर की उम्र भी 30 वर्ष से अधिक बताई जा रही है।

    गोपाल खेमका के सिर में मारी गई थी एक गोली

    हाजीपुर में फैक्ट्री के गेट पर गुंजन खेमका को तीन गोली मारी गई थी, जिसमें दो गोली उन्हें लगी थी और एक गोली चालक को लगी थी। इसमें गुंजन की मौत हो गई थी। जिस तरह दिनदहाड़े घटना को अंजाम दिया, उससे साफ था कि इसमें पेशेवर शूटर की संलिप्तता थी।

    वहीं, पिता गोपाल खेमका पर एक अपराधी ने नजदीक से जाकर उनके सिर में एक गोली मार दी। पुलिस ने इस घटना में मौके से एक खोखा और एक जिंदा गोली जब्त किया है। वहां मौजूद गार्ड ने भी बताया कि उसने एक गोली चलने की आवाज सुनी थी।

    शूटर की गिरफ्तारी से सामने आयेगा मास्टरमाइंड का नाम

    गोपाल खेमका हत्याकांड के बाद पुलिस की गश्ती पर सवाल उठने लगा है। पुलिस का दावा है कि शूटर की गिरफ्तारी होते ही हत्या के पीछे वजह और मास्टरमाइंड का नाम भी सामने आ जायेगा। फिलहाल पुलिस जमीन से जुड़े सभी मामलों की जांच कर रही है। डायल 100 की टीम, रंगदारी सेल, एसटीएफ और एसआईटी अलग अलग बिन्दुओं पर जांच कर कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुटी है।

    बड़े भाई पर भी हुआ था जानलेवा हमला

    गोपाल खेमका के बड़े भाई पर भी जानलेवा हमला हो चुका है। वर्ष 1999 में पीएमसीएच के पास विजय खेमका को औषधी दुकान में घुसकर अपराधियों ने उन्हें तीन गोलियां मार दी थी। बम भी फोड़े थे। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।