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    पटना वालों के लिए अच्छी खबर, दीघा के दूधिया मालदह आम को मिलेगा जीआइ टैग

    Updated: Fri, 23 May 2025 10:30 PM (IST)

    दीघा के दूधिया मालदह आम की मीठास अन्य आमों से एकदम अलग होती है। सबसे बड़ी विशेषता है कि जिस मिट्टी पर दूधिया मालदह आम की खेती होती है वह मिट्टी गंगा एवं सोन के पानी से सिंचित होती रही है। अब दीघा के दूधिया मालदह आम को जीआइ टैग प्रदान किया जाएगाा।

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    बिहार विद्यापीठ परिसर में मालदह आम का पेड़। जागरण

    नीरज कुमार, पटना। राजधानीवासियों के लिए अच्छी खबर है कि दीघा के दूधिया मालदह आम को जीआइ टैग प्रदान किया जाएगाा। इसके लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने प्रस्ताव तैयार किया है। दीघा का दूधिया मालदह राजधानी की पहचान रहा है, इसके संरक्षण के लिए भी आवश्यक कदम उठाये जाएंगे। साथ ही इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष योजना तैयार की जा रही है। 

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    दूधिया मालदह का मीठास अन्य आमों से अलग

    मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. शिवनाथ दास का कहना है कि दीघा के दूधिया मालदह आम की मीठास अन्य आमों से एकदम अलग है। यहां की मिट्टी की बनावट भी विशेष प्रकार की है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि जिस मिट्टी पर दूधिया मालदह आम की खेती होती है, वह मिट्टी गंगा एवं सोन के पानी से सिंचित होती रही है। पूर्व में यहां पर गंगा एवं सोन का संगम हुआ करता था। वर्तमान में गंगा एवं सोन का संगम के मनेर के पास है। परंतु पूर्व के वर्षों में वेटेनरी कालेज, दीघा एवं चिड़ियाघर से सोन बहा करता था। 

    कुर्जी से लेकर मनेर तक अच्छी मिट्टी

    दीघा के दुधिया मालदह आम के लिए कुर्जी मोड़ से लेकर मनेर तक की मिट्टी काफी अच्छी है। वर्तमान में राजधानी में बिहार विद्यापीठ, लोयाला हाईस्कूल, संत माइकल हाईस्कूल, संत जेवियर कालेज, आत्मदर्शन सहित कई संस्थानों में दीघा दूधिया मालदह के आमों के पेड़ मौजूद हैं। मनेर के कई किसानों ने भी मालदह आम के पौधे लगाये हैं। 

    1907 के गजेटियर में है दीघा मालदह का वर्णन

    1907 में प्रकाशित गजेटियर में दीघा मालदह आम का वर्णन है। इससे पता चलता है कि पटना शहर के आसपास दीघा मालदह आम की खेती होती थी। वर्तमान में पटना जिले में लगभग 190 हेक्टेयर में दुधिया मालदह की खेती की जा रही है। अब तक मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से राजधानी के आसपास 1500 पेड़ों की पहचान की गई है। फिलहाल दीघा के दूधिया मालदह दो हजार मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है।

    मीठापुर में होगा पांच हजार मालदह आम के पौधे का वितरण

    दीघा के दूधिया मालदह आम को बढ़ावा देने के लिए मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से अगले माह पांच हजार पौधे का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर गुलाबखास, दशहरी, आम्रपाली सहित अन्य आमों के पौधों का वितरण किसानों के बीच किया जाएगा।

    लीची एवं नींबू के पौधे भी मिलेंगे

    मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान में इस वर्ष राजधानीवासियों एवं किसानों को नींबू, अमरूद, लीची एवं कटहल के पौधे मुहैया कराये जाएंगे। संस्थान की ओर से पौधे तैयार कर लिये गए हैं। वर्षा का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही मानसून की वर्षा शुरू होगी पौधे का वितरण प्रारंभ कर दिया जाएगा।