बिहार के शिक्षकों के लिए अच्छी खबर, अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिया है दो दिनों का वक्त
बिहार के शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षकों का वेतन भुगतान को दो दिनों में करने का आदेश दिया है। कम भुगतान के मामले पर उन्होंने नाराजगी जताई।

दो दिनों के अंदर शिक्षकों को मिलेगा वेतन। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में छूटे हुए सभी शिक्षकों को अक्टूबर का वेतन भुगतान दो दिनों के अंदर होगा। मंगलवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा.बी. राजेन्दर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान सभी अधिकारियों के साथ बैठक की।
शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान को उनके बैंक खातों में जारी करने का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में अधिकारियों को शिक्षकों के वेतन भुगतान, वेतन निर्धारण और बकाये वेतन का भुगतान का भी निर्देश दिया गया।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वेतन भुगतान नहीं होने की स्थिति में कारण बताते हुए रिपोर्ट विभाग को देना है। उन्होंने जिस जिले में 95 प्रतिशत से कम शिक्षकों को सितंबर का वेतन भुगतान किया गया है, उससे संबंधित जिले के पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देकर कार्रवाई के लिए कहा।
पटना और पूर्णिया जिलों के 62 प्रतिशत शिक्षकों को ही अक्टूबर का वेतन भुगतान किया जा सका है। इन जिलों से संबंधित क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) को कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
अपर मुख्य सचिव ने अररिया, अरवल, औरंगाबाद, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, नालंदा, नवादा और शेखपुरा जिले में विशिष्ट शिक्षकों का वेतन निर्धारण पूरा कर भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सराहा।
स्थानांतरण प्रमाण पत्रों पर प्रतिहस्ताक्षर की जरूरत नहीं
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) पर प्रतिहस्ताक्षर के लिए कोई भी अनुरोध मुख्यालय या क्षेत्रीय कार्यालय को नहीं भेजेंगे।
बोर्ड पहले ही सीबीएसई संबद्ध किसी स्कूल से दूसरे स्कूल में स्थानांतरण प्रमाण पत्रों पर प्रतिहस्ताक्षर की प्रक्रिया को बंद कर चुका है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि सीबीएसई मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को अब भी स्थानांतरण प्रमाण पत्रों पर प्रतिहस्ताक्षर के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहा है।
स्कूलों द्वारा सीबीएसई के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने से हितधारकों को काफी असुविधा होती है और यह डिजिटलीकरण के इस दौर में प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में बाधा भी बनता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए सभी स्कूलों को एक बार फिर याद दिलाया जाता है कि किसी भी स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।