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मंत्री-अफसर की VIP नंबर वाली कार खरीदने का सुनहरा मौका, दाम तीन हजार से शुरू

अगर आप वीआइपी नंबर की गाड़ियों के शौकीन हैं तो बिहार सरकार आपका यह शौक पूरा कर सकती है। हां इसके लिए आपको कुछ अधिक खर्च करना पड़ेगा। क्योंकि ये गाड़ियां खटारा की दर्जा पाकर बिहार सरकार के पुराना सचिवालय परिसर में पड़ी हुई हैं। जानें कैसे-

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 06:40 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:40 PM (IST)
मंत्री-अफसर की VIP नंबर वाली कार खरीदने का सुनहरा मौका, दाम तीन हजार से शुरू
बिहार में आपके पास वीआइपी नंबर की कार खरीदने का सुनहरा मौका है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: अगर आप पुरानी और वीआइपी नंबर की गाड़ियों के शौकीन हैं तो बिहार सरकार आपका यह शौक पूरा कर सकती है। हां, इसके लिए आपको कुछ अधिक खर्च करना पड़ेगा। क्योंकि ये गाड़ियां खटारा की दर्जा पाकर बिहार सरकार के पुराना सचिवालय परिसर में पड़ी हुई हैं। शौकीनों को इन गाड़ियों को खरीदने से पहले हिला-डुला कर नुक्स देखने की इजाजत नहीं होगी। क्योंकि नीलामी के टेंडर में साफ-साफ लिखा है-जहां है, जैसे है। मतलब, जिस हालत में है, उसी हालत में आपको गाड़ी खरीदनी है। मरम्मत पर भारी रकम खर्च किए बगैर आप इनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

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नीलामी पर कैसी-कैसी गाड़ियां

वित्त विभाग की ओर से शुक्रवार को इन गाड़ियों की बिक्री के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसमें गाड़ियों का ब्यौरा दिया गया है। एक दौर में रइसों की कार रही एम्बेस्डर से लेकर जीप, स्कॉर्पियो, मारूति वैन, जीप, क्वालिस, सफारी, जिप्सी के साथ कुछ ऐसी गाड़ियां भी जिनका नाम सरकार को पता नहीं है। शायद ये गाड़ियां इतनी पुरानी हैं कि इनका नाम वाला निशान मिट गया है। गाड़ियों की कुल संख्या 56 है। 

तीन से 40 हजार तक कीमत

एम्बेस्डर कार की कीमत तीन हजार से शुरू होकर 10 हजार रुपये तक है। सबसे महंगी है स्कॉर्पियो। फिर भी अधिक कीमत नहीं है। सिर्फ 75 हजार रुपये में कोई इसे खरीद सकता है। क्वालिस की कीमत 40 हजार रुपये रखी गई है। जीप की औसत कीमत 10 हजार रुपये है। बिना नाम वाली गाड़ियों की कीमत दो हजार रुपये है। जिप्सी का अनुमानित मूल्य 15 हजार रुपया रखा गया है।

दाम बढ़ भी सकते हैं

गाड़ियों की अनुमानित कीमत मोटर यान निरीक्षक की ओर से तय की गई, लेकिन नीलामी के दौरान इसकी कीमत बढ़ भी सकती है। यह नीलामी में शामिल लोगों की बोली पर निर्भर है कि खटारा के शौकीनों में किसका दिल ज्यादा बड़ा है। जमानत की राशि हर किसी को जमा करनी है। अगर आप गाड़ी नहीं खरीद पाए तो यह राशि वापस हो जाएगी। अच्छी बात यह भी है कि अधिसंख्य गाडिय़ों के नम्बर वीआईपी हैं। खरीददार इन नम्बरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। 


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