एजेंसी, नई दिल्ली/पटना। बिहार जी20 के पहले चरण की मेजबानी नहीं करेगा। राजधानी पटना में मार्च में प्रस्तावित बैठक टाल दी गई है। अब यह बैठक जून में आयोजित करने की योजना बनाई गई है। प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी है।
बता दें कि भारत ने बीते साल 1 दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। इसके बाद ही देश भर में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करने की योजना बनाई गई है। बिहार सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले जी20 की बैठक मार्च के पहले सप्ताह में होनी थी।
पटना में जी20 की बैठक को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसमें कई प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि इस बीच राज्य सरकार के विभिन्न विभाग और जिला प्रशासन बिहार की राजधानी में इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए बैठक कर कमर कस रहे हैं।
बिहार कला और संस्कृति विभाग को बनाया नोडल एजेंसी
उन्होंने कहा कि पटना में बैठक का स्थान अभी तय नहीं किया गया है। बिहार कला और संस्कृति विभाग को जी20 आयोजन के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसमें आने वाले विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को पटना यात्रा के दौरान सभी तरह की सुविधाओं के साथ बेहतर अनुभव देने को लेकर योजना बनाई जा रही है।
अधिकारी ने कहा कि हम मुख्य कार्यक्रम के अलावा, प्रतिनिधियों को सांस्कृतिक दौरे के लिए पटना के पुराने संग्रहालय और आधुनिक बिहार संग्रहालय में ले जाने की योजना बना रहे हैं। यदि वे नालंदा या कुछ अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर जाना चाहते हैं, तो हम योजना बनाते समय इसे भी ध्यान में रखेंगे।
55 जगहों पर होंगी जी20 की बैठकें
पटना एक ऐतिहासिक शहर है, जो मौर्य साम्राज्य की राजधानी प्राचीन पाटलिपुत्र पर स्थित है। बड़े महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक ले जाएंगे, जिनमें इतिहास से समृद्ध और हम्पी और खजुराहो जैसे प्राकृतिक सौंदर्य शामिल हैं। भारत ने इस साल अपनी अध्यक्षता के दौरान देशभर में इन 55 स्थानों पर जी20 बैठकों की मेजबानी करने की योजना बनाई है।
पर्यटन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने इस संबंध में कहा है कि जी20 बैठकों की मेजबानी के लिए अन्य स्थानों के अलावा ऐतिहासिक शहरों को चुनने के पीछे मंशा या विचार विदेशी मेहमानों को ऐसे विरासत स्थलों से रूबरू कराना है।