बिहार से विदेश तक जन सुराज की चर्चा; प्रशांत किशोर की पहल का कमाल, स्थापना दिवस पर बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष
जन सुराज पार्टी ने पटना में अपना पहला स्थापना दिवस मनाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर की सोच ने जन सुराज को एक मंच दिया है जिस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कार्यकर्ताओं से जन सुराजी बने रहने का संकल्प लेने को कहा।

डिजिटल डेस्क, पटना। जन सुराज पार्टी ने पटना के शेखपुरा हाउस में अपना पहला स्थापना दिवस मनाया, जो वास्तव में 2 अक्टूबर को आयोजित होना था लेकिन दशहरा की वजह से इसे 4 अक्टूबर को आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती और सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर की एक सोच ने जन सुराज को ऐसा मंच दिया है जिस पर न केवल बिहार बल्कि विदेश में भी लोगों की निगाहें टिकी हैं। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले दिनों में पार्टी और बड़े पैमाने पर अपना स्थापना दिवस मनाएगी। आगे विधानसभा चुनाव के तौर पर एक छोटी लड़ाई है जिसके बाद उनकी जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर जन सुराज के रास्ते पर चलते रहना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से संकल्प लेने को कहा कि चुनावी नतीजों की परवाह किए बगैर जीवन भर जन सुराजी बने रहें।
प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी की एक साल की यात्रा ईमानदार रही है और इसपर अभी तक कोई आंच नहीं आई है। वे विश्वास दिलाते हैं कि उनके आचार-विचार से किसी को शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़ेगी। उनकी कोशिश है कि भगवान ने जितनी भी बुद्धि और शक्ति दी है, वो इस प्रयास में लगाएं।
पार्टी के प्रदेश महासचिव किशोर कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति को बच्चों के भविष्य से जोड़ा है। देश और विदेश के लोग बिहार की ओर आशा से देख रहे हैं और हर कोई कहता है कि प्रशांत किशोर बिहार को बदल देंगे।
प्रमुख वक्ता और उनके विचार
- ललन जी (उपाध्यक्ष): समाज हमेशा त्याग करने वाले की कद्र करता है, आज बिहार के लाखों-करोड़ों लोगों की आशाएं जन सुराज से जुड़ी हैं।
- आरके मिश्रा (वरिष्ठ नेता): पहली वर्षगांठ 2 अक्टूबर और दशहरा के दिन होना सौभाग्यशाली पल था, असत्य का अंधेरा कितना भी गहरा हो जीत जन सुराज की ही होगी।
- विनीता विजय: जन सुराज में महिलाओं की भागीदारी को जगह मिली है, सरकार बनने पर महिलाएं सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगी।
- ओबैदुर रहमान (मीडिया प्रभारी): अल्पसंख्यक उचित भागीदारी चाहते हैं जिसका वादा प्रशांत किशोर ने किया है।
- सुधीर शर्मा: प्रशांत किशोर ने महात्मा गांधी की तरह खुद को जनता के लिए समर्पित किया है, जन सुराज एक दैवीय कार्य है।
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