IGIMS में 10 माह की बच्ची की फ्री में ओपेन हार्ट सर्जरी, निजी अस्पताल में 5 लाख कीमत; दिल में छेद की थी समस्या
Child Open Heart Surgery आइजीआइएमएस के डॉक्टरों ने 10 महीने की बच्ची को ओपेन हार्ट सर्जरी कर जान बचाई है। बच्ची के दिल में लगभग आठ से 10 एमएम का छेद था। इसे वेंटीकुलर सेप्टल डिफेक्ट भी कहा जाता है। इस कारण बच्चों को बराबर सर्दी-खांसी निमोनिया होता रहता है।
पटना, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में सीटीवीएस के डॉक्टरों ने एक 10 महीने की बच्ची को ओपेन हार्ट सर्जरी कर जान बचाई है। इसी के साथ आइजीआइएमएस में एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों की ओपेन हार्ट सर्जरी की शुरुआत भी हो गई है।
सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शील अवनीश ने बताया कि 11 जुलाई को 10 महीने की लगभग आठ किलो की बच्ची की सफलतापूर्वक ओपेन हार्ट सर्जरी की गई। उसके दिल में लगभग आठ से 10 एमएम का छेद था। इसे वेंटीकुलर सेप्टल डिफेक्ट भी कहा जाता है। इस कारण बच्चों को बराबर सर्दी-खांसी, निमोनिया होता रहता है।
बच्ची अब पूरी तरह है ठीक
विभागाध्यक्ष डॉ. शील अवनीश के निर्देशन में डॉ. तुषार कुमार, डॉ. शशांक धीरज, जूनियर चिकित्सक व पैरामेडिकल टीम ने पांच घंटे में सफलता पूर्वक यह सर्जरी की है। इस दौरान बच्ची को तीन यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। बच्ची अब पूरी तरह ठीक है। वह दूध भी पी रही है। अब वह सामान्य स्थिति में है।
विभागाध्यक्ष ने बताया कि बच्चों की ओपेन हार्ट सर्जरी काफी जटिल और महंगी होती है। इसके अलावा, बच्चों को आइसीयू में निगरानी की ज्यादा जरूरत होती है। सफल ऑपरेशन करने पर संस्थान के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमन कुमार ने पूरी टीम को बधाई दी है।
मुख्यमंत्री चिकित्सा योजना से फ्री में ऑपरेशन
चिकित्सा अधीक्षक सह उप निदेशक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि बच्चों की ओपेन हार्ट सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है और यह राज्य के लिए उपलब्धि की बात है। जिस बच्ची की सर्जरी की गई है, उसके पिता किसान हैं। ऐसे में, बच्ची का ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिकित्सा अनुदान योजना के तहत फ्री में किया गया। इसमें लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च आया है। हालांकि, निजी अस्पताल में इस ऑपरेशन में तीन से पांच लाख रुपये तक खर्च आता है।
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