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    मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी के नाम पर 35 लाख रुपये ठगने वाले पटना के चार गिरफ्तार, खाते के छह लाख रुपये फ्रीज

    By Prashant KumarEdited By: Roma Ragini
    Updated: Fri, 24 Mar 2023 01:50 PM (IST)

    Bihar Crime उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बिहार से चारों ठगों को गिरफ्तार किया है। चारों के पास से 12 सिमकार्ड मोबाइल फोन और अन्य सामान मिले हैं। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों का बैंक खाता में जमा लाखों रुपये सीज करवा दिए हैं।

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    मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी के नाम पर ठगी करने वाले चार गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, देहरादून/पटना। शातिरों ने मैकडोनाल्ड की फ्रैंचाइजी दिलाने के नाम पर ऋषिकेश के प्रशांत जमदग्नि से 35 लाख रुपये ठग लिए थे। इस मामले में पटना के चार ठगों को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बिहार से गिरफ्तार किया है।

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    पुलिस ने आरोपियों के बैंक खाते में जमा साढ़े छह लाख रुपये फ्रीज कराए दिए। वहीं, चारों से 12 सिमकार्ड, मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद किया है। चारों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं, जो गिरोह बनाकर विभिन्न राज्यों में इसी तरह ठगी कर चुके हैं। उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं।

    देहरादून एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, आशुतोष नगर ऋषिकेश निवासी प्रशांत जमदग्नि ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने बताया कि 10 जनवरी 2023 को उन्होंने मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए इंटरनेट मीडिया पर सर्च किया। इस दौरान उन्हें एक वेबसाइट दिखी।

    कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर बन दिया झांसा

    उक्त वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर उन्होंने संपर्क किया तो तरुण जायसवाल नामक व्यक्ति ने खुद को मैकडोनाल्ड का कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर बताया और फ्रेंचाइजी लेने की प्रक्रिया बताते हुए आवदेन करने को कहा।

    इसके बाद 16 जनवरी को उन्हें फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि मैकडोनाल्ड की फ्रैंचाइजी लेने के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। इसके लिए ठगों ने उनके कुछ दस्तावेज मंगवाए।

    31 जनवरी को राहुल मैथ्यू नाम के व्यक्ति का फोन आया। उसने रजिस्ट्रेशन के लिए दो लाख 65 हजार रुपये मांगे, जो उन्होंने जमा करवा दिए। दो फरवरी को दोबारा ईमेल आया। इस दौरान गर्वमेंट आफ इंडिया की एनओसी के लिए फार्म भरने के नाम पर उनसे नौ लाख 15 हजार रुपये जमा कराए गए।

    10 फरवरी तक आरोपियों ने आशुतोष से 35 लाख 40 हजार रुपये ले लिए। इसके बावजूद उन्होंने फ्रैंचाइजी का सर्टिफिकेट नहीं दिया और धनराशि मांगते रहे। इसके बाद उन्हें संदेह हुआ और पुलिस के पास पहुंचे।