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    बिहार के चार सपूतों को मिला भारत रत्‍‌न

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 02 Jan 2021 02:08 AM (IST)

    भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍‌न अभी तक 48 विभूतियों को प्रदान किया गया है। इनमें चार बिहार की माटी से हैं। यह सम्मान पहली बाद दो जनवरी 1954 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन चक्रवर्ती राजगोपालाचारी तथा डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमण को दिया गया था।

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    बिहार के चार सपूतों को मिला भारत रत्‍‌न

    पटना । भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍‌न अभी तक 48 विभूतियों को प्रदान किया गया है। इनमें चार बिहार की माटी से हैं। यह सम्मान पहली बाद दो जनवरी 1954 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी तथा डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमण को दिया गया था। बिहार में जन्में विधानचंद्र रॉय को 1961 में भारत रत्‍‌न मिला। इनके बाद देशरत्‍‌न डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां को मिला। यह सम्मान सेवा, कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के क्षेत्र में अद्वितीय प्रदर्शन करने पर मिलता है। इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इसे मरणोपरात देने का प्रावधान नहीं था। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के बाद क्रमश: पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। सचिन तेंदुलकर जी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ है।

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    देशरत्‍‌न डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 1962 में मिला था भारत रत्‍‌न

    जागरण संवाददाता, पटना : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 1962 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उसी वर्ष वे राष्ट्रपति पद से अवकाश ग्रहण किए थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद अपने हाथों से 10 विभूतियों को भारत रत्‍‌न दिया। वह भारत रत्‍‌न प्राप्त करने वाले 11वें विभूति थे। उसके बाद वे पटना के बिहार विद्यापीठ में रहने लगे थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद के प्रयास से छह फरवरी 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बिहार विद्यापीठ की स्थापना की थी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार विद्यापीठ के प्रथम प्राचार्य थे। उनके मार्गदर्शन में बिहार विद्यापीठ काफी तेजी से आगे बढ़ा था। वर्तमान में बिहार विद्यापीठ में बीएड कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर लोगों को रोजगारमूलक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां पर बकरी एवं मुर्गी पालन का भी लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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    बिहार में सबसे पहले मिला विधान चंद राय को भारत रत्‍‌न

    बिहार की राजधानी पटना में जन्म लेने वाले एवं पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री विधान चंद्र राय बिहार के पहले सपूत थे जिन्हें भारत रत्‍‌न दिया गया था। उन्हें डॉ. राजेंद्र प्रसाद से एक साल पहले 1961 में भारत रत्‍‌न से सम्मानित किया गया था। पेशे से चिकित्सक डॉ. विधान चंद्र राय देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिए थे। उनका जन्म एक जुलाई 1882 में पटना में हुआ था। एक जलाई 1962 में उनका निधन हो गया था। उन्हें पश्चिम बंगाल का निर्माता भी कहा जाता है। उन्हीं के जन्म दिन पर एक जुलाई को हर साल चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। उनके पिता का नाम प्रकाश चंद्र राय एवं उनके माता का नाम अघोर कामिनी देवी था। उन्होंने मैट्रिक तक शिक्षा पटना कॉलेजिएट स्कूल से हासिल की थी। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई भी पटना कॉलेज से किया था। उन्होंने गणित से स्नातक किया था। उसके बाद मेडिकल की पढ़ाई की थी।

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