रेप केस में पूर्व RJD विधायक राजबल्लभ यादव बरी, पटना HC ने पलटा लोअर कोर्ट का फैसला
आदर्श आचार संहिता मामले में आरोपित पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद यादव पूर्व विधायक बनवारी राम कांग्रेस से हिसुआ विधायक नीतू सिंह पूर्व जिला पार्षद वारिसलीगंज विधायक अरुणा देवी के पति अखिलेश सिंह और मो. इनुस को अदालत ने बड़ी राहत दी है।अदालत ने इन लोगों को आरोप मुक्त करते हुए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में रिहा कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, पटना। आदर्श आचार संहिता मामले में आरोपित पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद यादव, पूर्व विधायक बनवारी राम, कांग्रेस से हिसुआ विधायक नीतू सिंह, पूर्व जिला पार्षद वारिसलीगंज विधायक अरुणा देवी के पति अखिलेश सिंह और मो. इनुस को अदालत ने बड़ी राहत दी है।अदालत ने इन लोगों को आरोप मुक्त करते हुए आदर्श आचार संहिता उलंघन मामले में रिहा कर दिया है।
बता दें कि सभी को कोर्ट से 14 वर्षों के बाद राहत मिली है। नवादा के एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रथम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन कुमार ने साक्ष्य के अभाव में सभी को रिहा करने का आदेश जारी किया। यह फैसला मंगलवार का सुनाया गया।
न्यायाधीश मोहित कुमार शाह और न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने छह अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया।
न्यायालय ने अपने 315 पृष्ठों के निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा। पीड़िता और अन्य गवाहों के बयान में गंभीर विरोधाभास हैं। चिकित्सा साक्ष्य आरोपों का समर्थन नहीं करते और घटनास्थल से जुड़े तथ्यों में भी संदेह की पर्याप्त गुंजाइश है।
नाबालिग के साथ रेप का आरोप
गौरतलब है कि 9 फरवरी 2016 को राजबल्लभ यादव ने एक नाबालिग लड़की को शराब पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपियों में शामिल सुलेखा देवी ने बर्थ डे पार्टी के बहाने अनजान जगह पर ले जाकर उसे जबरन शराब पिलाई और फिर उसे राजबल्लभ के हवाले कर दिया। इसके बाद राजबल्लभ ने गंदी बात को अंजाम दिया।
पॉक्सो अधिनियम के तहत आजीवन कारावास की सजा
स्पेशल एमएलए/एमपी कोर्ट के जज परशुराम यादव ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(बलात्कार), 120 बी और पॉक्सो अधिनियम के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। राजद के विधायक राजबल्लभ यादव को बिहार विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गयी थी।
उन्हें भारतीय जनप्रतिनिधित्व 1951 कानून के तहत दोषी करार दिया गया। आपराधिक साज़िश व तस्करी के लिए दोषी करार दी गयी दो अन्य लोग सुलेखा व उसकी मां राधा देवी को उम्रकैद की सजा के साथ बीस हजार रूपए जुर्माना भरने का कोर्ट ने आदेश दिया।
आदेश के विरुद्ध सबों ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर किया था। सरकारी अधिवक्ता दिलीप सिन्हा राज्य सरकार की ओर से पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
अपीलार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह, अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर व पीड़िता की ओर से एमिकस क्यूरी अनुकृति जयपुरियार ने कोर्ट के समक्ष तथ्यों को प्रस्तुत किया।
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