वन अधिकारी ने फर्जी बिल लगाकर निकाल लिया सरकारी पैसा, फिर भाई की कंपनी में किया निवेश; EOU ने कसा शिकंजा
जमुई के क्षेत्रीय वन पदाधिकारी राजेश कुमार पर फर्जी बिल बनाकर सरकारी धन के गबन का आरोप है। उन्होंने यह राशि अपने भाई की कंपनी में निवेश की जिसे बाद में वापस ले लिया गया। आर्थिक अपराध इकाई ने राजेश कुमार उनके भाई पत्नी और कई अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। जमुई के तत्कालीन क्षेत्रीय वन पदाधिकारी राजेश कुमार पर पौधे लगाए बिना फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों व प्लांटरों की मदद से सरकारी राशि गबन करने का आरोप लगा है।
इतना ही नहीं, इस काली कमाई को सफेद बनाने के लिए अपने भाई की अमहारा कंस्ट्रक्शन कंपनी में राशि निवेश करने का मामला भी प्रकाश में आया है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस मामले में राजेश कुमार के साथ उनके भाई अमहारा कंस्ट्रक्शन के निदेशक राकेश कुमार, पत्नी सिम्मी कुमारी पर भी प्राथमिकी दर्ज की है।
इसके अलावा मेसर्स फतेहपुर नर्सरी, मेसर्स लक्ष्मी नर्सरी, मेसर्स ग्रीन वर्ल्ड के मालिक समेत नौ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। मामले में कई अज्ञात संवेदक, वेंडर्स और सप्लायर्स भी आरोपित हैं। आयकर विभाग की सूचना पर ईओयू ने यह कार्रवाई शुरू की है।
ईओयू के अनुसार, क्षेत्रीय वन पदाधिकारी राजेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने विभिन्न नर्सरी संचालकों, संवेदकों और आपूर्तिकर्ता के साथ मिल कर फर्जी बिल के जरिए सरकारी राशि का बंदरबांट किया।
इस राशि को राजेश ने अपने भाई राकेश कुमार की अमहारा कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी में निवेश किया। फिर भाई से उपहार के रूप में यह राशि वापस ले ली। इस तरह वह काले धन को सफेद करने का काम कर रहे हैं। सरकारी राशि गबन कर उसे सफेद करने का काम 2021 से ही चल रहा था।
ईओयू अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने 2021 में अमहारा कंस्ट्रक्शन कंपनी के कई राज्यों में स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।
इस छापेमारी में पटना स्थित ठिकानों से चार करोड़ रुपये नकद भी बरामद हुए थे। इस कड़ी में देवघर में छापेमारी से मिले दस्तावेजों की गहराई से जांच की गयी तो राजेश कुमार के कारनामों का खुलासा हुआ। इसके बाद आयकर विभाग ने ईओयू को इसकी जानकारी दी।
क्षेत्रीय वन पदाधिकारी राजेश कुमार के विरुद्ध फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि का गबन करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। इस मामले में अमहारा कंस्ट्रक्शन के निदेशक समेत कई अन्य को भी आरोपित बनाया गया है। -मानवजीत सिंह ढिल्लन, डीआईजी, ईओयू
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