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    राष्ट्र एवं राज्य के विकास के लिए महिलाओं का शिक्षित, सुरक्षित एवं सशक्त होना जरूरी

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 02:59 PM (IST)

    बिहार राज्य महिला आयोग के 24वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने संवाद से सरोकार तक स्मारिका का विमोचन किया। उपमुख्यमंत्री ने नारी शक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने बिहार सरकार के कार्यों की सराहना की और आयोग की गतिविधियों पर चर्चा की।

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    राष्ट्र एवं राज्य के विकास के लिए महिलाओं का शिक्षित

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार राज्य महिला आयोग के 24वेंं स्थापना दिवस समारोह का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने आयोग की स्मारिका ‘संवाद से सरोकार तक’ का विमोचन राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर किशोर रहाटकर, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी एवं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा के साथ किया।

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    उनके साथ मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि समेत अन्य अधिकारी भी थे। कार्यक्रम के दौरान महिला आयोग में ऑनलाइन शिकायत के लिए पोर्टल 2.0 का शुभारंभ भी किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं के उत्थान की बातें हुईं। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को भी पटल पर रखा गया।

    महिला आयोग की स्मारिका में दिए अपने संदेश में

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राष्ट्र एवं राज्य के विकास के लिए महिलाओं का शिक्षित, सुरक्षित एवं सशक्त होना बहुत जरूरी है। राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में तथा प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में 50 प्रतिशत और सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। विभिन्न योजनाओं से महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया है।

    जीविका के अंतर्गत 11 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया। इससे जुड़कर राज्य की 1.40 करोड़ से अधिक जीविका दीदियां एवं उनके परिवार स्वावलंबी हुए। बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन एवं 105 करोड़ रुपये जीविका निधि में हंस्तांतरित कर उनकी आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान की गई। जीविका समूहों के माध्यम से 10.40 लाख से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। पूर्ण शराबबंदी लागू की गई। बाल विवाह तथा दहेज जैसी कुप्रथा से मुक्ति के लिए व्यापक अभियान चलाया गया। अब महिलाएं घर के भीतर और बाहर हर क्षेत्र में अपने जीवन में सुरक्षित, नियमित एवं नियंत्रित करने का प्रयास कर रही हैं।

    जो लोगों ने किया माता का अपमान, उनका पतन तय

    समारोह में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शक्ति यानी नारी की महानता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वभर में हम भारतवासी ही ऐसे हैं जो राष्ट्र को माता कहकर बुलाते हैं। अब नवरात्र शुरू होने वाला है। सनातन संस्कृति में शक्ति का अहम स्थान है। माता ही शक्ति का संचार करती हैं। जो शक्ति का अपमान करते हैं, उनका पतन तय है। उन्होंने प्रधानमंत्री की माता के अपमान के संदर्भ में कहा कि जिन आसुरी शक्तियों ने ऐसा किया है उनके खिलाफ महिला आयोग ऐसी कार्रवाई करे कि कोई दूसरा किसी महिला को अपमानित करने की हिम्मत नहीं जुटा सके।

    उपमुख्यमंत्री ने महिला आयोग को तकनीकी रूप से सशक्त करने की बात कही। यह आह्वान भी किया कि पश्चिमी सभ्यता की नकल नहीं करें। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे प्रधानमंत्री शक्ति के उपासक हैं। उन्होंने केवल सनातन ही नहीं बल्कि देश के हर समुदाय की चिंता की। तीन तलाक को खत्म कर उन्होंने दूसरे धर्म में भी शक्ति के सम्मान का अहसास कराया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण की व्यवस्था कर 21वीं सदी के भारत में महिलाओं का उत्थान किया।

    मुख्यमंत्री के प्रयासों से व्यापक बदलाव

    परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने महिलाओं की बदलती स्थिति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहले हमें स्कूल-कालेज जाने में भी सोचना पड़ता था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने महिलाओं को सशक्त किया। विभिन्न योजनाओं से वे महिलाओं को सशक्त कर रहे हैं। पहले गिनी-चुनी महिलाएं खाकी में दिखती थीं, अब हर जगह महिला पुलिस अधिकारी हैं। चाहे साइकिल योजना हो या महिलाओं को आरक्षण, हर क्षेत्र में सीएम नीतीश कुमार ने इतना व्यापक बदलाव कर दिया है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। महिलाएं स्त्री से लेकर मिस्त्री भी हैं। जिस तरह किसी जानकारी के लिए हम गूगल का सहारा लेते हैं, महिलाएं उस गूगल से भी बढ़कर हैं। घर में किसी भी चीज की जरूरत हो, वे झट से हाजिर कर देती हैं।

    बिहार सरकार महिलाओं के लिए कर रहीं सराहनीय कार्य

    राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने बिहार में नारी सशक्तीकरण के कार्यों की सराहना की। कहा कि बिहार सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग एक सेतु के रूप में काम कर रहा है। जरूरत है कि केवल उनकी समस्याओं का निष्पादन ही नहीं बल्कि उनके बीच जागरूकता, उनकी सशक्तीकरण की दिशा में भी काम किया जाए। महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं।

    इसका एक छोटा उदाहरण है कि विश्वभर में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में हैं। देश में करीब 11 करोड़ महिलाएं जीविका से जुड़कर काम कर रही हैं। बिहार में भी इनकी संख्या डेढ़ लाख के आसपास है। उन्होंने परिवार में महिला की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिला बढ़ती है तो परिवार बढ़ता है। इससे समाज, राज्य और राष्ट्र की प्रगति होती है।

    बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा ने आयोग की गतिविधियों की चर्चा की। बताया कि जब उन्होंने पदभार ग्रहण किया तो छह हजार मामले पेंडिंग थे, अब उनकी संख्या डेढ़ हजार के पास रह गई है। उनका भी तेजी से निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने समय पर न्याय की अहमियत भी बताई। प्रधानमंत्री की माता के लिए अपशब्द बोले जाने के संदर्भ में कहा गया कि उस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर आयोग ने डीएम से जानकारी ली। अब चुनाव आयोग के साथ बैठक कर यह तय किया जाएगा कि चुनाव में किसी महिला के लिए अपशब्दों का उपयोग नहीं हो। किसी महिला का अपमान नहीं हो।

    नारी अब दुखिया नहीं, मुखिया बन गई हैं

    आयोग की पूर्व अध्यक्ष अंजुम आरा ने सनातन संस्कृति में नारी के स्थान की चर्चा की। कहा कि हमारे यहां की नारी तो आरंभ से सशक्त हैं। चाहे वह यमराज से पति के प्राण खींचकर लानेवाली सावित्री हो या फिर भीष्म पितामह को चुनौती देनेवाली द्रोपदी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला उत्थान के कार्यों की चर्चा की और कहा कि उन्होंने जो आरक्षण दिया, उससे महिलाएं अब दुखिया नहीं बल्कि मुखिया हो गई हैं।

    इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने राज्य सरकार के महिलाओं के लिए किए गए कार्यों की चर्चा की। बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों से महिलाओं की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। सामाजिक आर्थिक विकास के साथ सुरक्षित एवं बेहतर माहौल प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत महिलाओं के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं।

    विभाग की प्रभारी उपसचिव मंजुषा चंद्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन किया सोमा चक्रवर्ती ने। मौके पर महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष अश्वमेध देवी, आयोग की सदस्य शीला टुड्डू, रजिया कामिल अंसारी, पिंकी कुशवाहा, सजल झा, रश्मि रेखा सिन्हा व श्यामा सिंह भी मौजूद थीं।