Bihar Flood and Weather LIVE Updates: पटना से अभी तक नहीं निकला पानी, कई जगह बाढ़ की स्थिति गंभीर
Patna Flood and WeatherUpdates पटना में जलजमाव की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। पूरे बिहार की बात करें तो कई जगह बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है।
पटना [जागरण टीम]। भारी बारिश से हुए जलजमाव के पांच दिन बाद भी पटना के राजेंद्रनगर और आसपास के इलाकों में पांच फीट पानी जमा है। बड़े-बड़े पंप लगाने के बाद कुछ इलाकों का पानी घट रहा है, लेकिन राजेंद्रनगर में स्थिति बदतर होती जा रही है। जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्य चला रहा है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग इसकी पहुंच से बाहर हैं। इस बीच पटना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पूरे बिहार की बात करें तो कई जगह बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य में अब तक डूबने से 73 लोगों की मौत हो चुकी है।
बाढ़ की वजह से पटना-गया रेलखंड तथा पटना- बख्तियारपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। जानकारी के अनुसार, परसा इलाके में पुल संख्या 21 पर दबाव बढ़ गया है। वहीं बिहारशरीफ के बेना के पास पानी का दबाव बढ़ रहा है। इसे देखते हुए यहां भी ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है।
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खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर बह रही पुनपुन
पटना में पुनपुन नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। जलस्तर 53.46 मीटर है, जो खतरे के निशान से ढाई मीटर अधिक है। बुधवार को पुनपुन का रिंग बांध तीन जगह और टूट गया जिससे मुख्य बाजार में पानी घुस गया। अगर यही हालात रहे तो पानी पटना नगर तक आ सकता है।
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21 हजार से अधिक को सुरक्षित निकाला
आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि पटना के अलग-अलग इलाके में जलजमाव में फंसे 21157 लोगों को बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक कुल 69752 लोगों को जलजमाव क्षेत्र से बाहर निकाला गया है। पटना में बुधवार को हेलिकॉप्टर से 7500 फूड पैकेट गिराए गए हैं।
पटना में स्कूल-कॉलेज दुर्गापूजा तक बंद
नगर में जलजमाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कोचिंग क्लास को दुर्गापूजा तक बंद करने का निर्देश दिया है। प्रशासन का दावा है कि पुनपुन पर बना मुख्य बांध सुरक्षित है, जिससे पटना पर बाढ़ का खतरा नहीं है।
सड़ रहा पानी, बदबू से लोग परेशान, बीमारी की आशंका
पटना के शहरी इलाके राजेंद्रनगर, बाजार समिति और सैदपुर के कई इलाकों में पांचवें दिन भी पांच फीट तक पानी जमा है। पानी सड़ने लगा है। बदबू से लोग परेशान हैं। अब बीमारियों का खतरा भी लोगों को परेशान करने लगा है। बारिश पटना नगर निगम की 75 टीमों को फॉगिंग और ब्लीचिंग के छिड़काव के काम में लगाया गया है। जलजमाव वाले क्षेत्रों में पूजा पंडालों में भी चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं।
60 घंटे में निकल पाया पाया दो से ढाई फीट पानी
60 घंटे होने को हैं, मगर शहरी इलाकों में पानी अधिकतम दो से ढाई फीट ही निकल सका है। पाटलिपुत्र कॉलोनी और राजीवनगर में भी तीन से चार फीट तक पानी है। यह हाल तब है, जब राज्य सरकार ने झारखंड और छत्तीसगढ़ से आधा दर्जन से अधिक डिवाटरिंग मशीनें मंगाई हैं। प्रशासन का दावा है कि इन पंपों की मदद से एक मिनट में एक हजार गैलन पानी निकाला जा रहा है।
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अन्य जिलों में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर, अब तक 73 मरे
पटना के अलावा भागलपुर, भोजपुर, नवादा, नालंदा, खगडिय़ा, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद, अरवल और दरभंगा में स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास लगातार जारी हैं। इन क्षेत्रों में 21.45 लाख की आबादी अब तक बाढ़ और जलजमाव में फंसी हुई है। अब तक 73 लोगों की जान गई है।
कटिहार-मधेपुरा में बाढ़ से परेशानी बरकरार
कोसी-सीमांचल के कटिहार और मधेपुरा जिले में बाढ़ से परेशानी बरकरार है। पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के कारण नदियों का पानी गांवों में घुस गया है। इसी बीच, सहरसा में दो अलग-अलग घटनाओं में डूबकर दो लोगों की मौत हुई है। मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के झलाड़ी गांव के पास एनएच 106 के ऊपर वर्षा और नहर का पानी डेढ़ फीट तक बह रहा है। उदाकिशुनगंज प्रखंड के हरैली गांव से गुजरने वाली कोसी की सहायक नदी के उफान से फनहन गांव के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस आया है।
नालंदा में सगे भाई समेत छह डूबे
नालंदा जिले में सर्वाधिक छह लोगों के डूबने के मामले सामने आए हैं। तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि तीन लापता हैं। आरा, बक्सर, सिवान और बेगूसराय में डूबने से एक-एक की मौत हो गई। नालंदा जिले में बुधवार को एकंगरसराय, बिंद, बिहारशरीफ प्रखंड में छह लोग डूब गए।
गया में नदियों में डूबने से दो बच्चे समेत चार की मौत
गया के वजीरगंज और अतरी प्रखंड में नदियों में डूबने से चार लोगों की मौत हो गई। इनमें एक ही परिवार के महिला और दो बच्चे शामिल हैं।