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    Fish Farming: बिहार में मछली पालकों की बढ़ेगी कमाई, बिजली बिल में भी मिल सकती है छूट; अधिकारियों को मिला नया निर्देश

    Updated: Wed, 28 Aug 2024 08:32 PM (IST)

    अब बिहार में मछली पालकों की आमदनी बढ़ जाएगी। बिहार की पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने अधिकारियों को नया निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वह मछली पालकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। बता दें कि पिछले साल बिहार में 8 लाख से अधिक टन मछली का उत्पादन हुआ था।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने विभागीय अधिकारियों को मछली उत्पादन बढ़ाकर वार्षिक लक्ष्य 12 लाख टन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर मछली पालकों को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करने का लक्ष्य भी दिया हैं।

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    रेणु बुधवार को बामेती (बिहार कृषि प्रबंधन संस्थान) में राज्य में मछलीपालन योजना विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि 2008 से अब तक कृषि रोड मैप के आधार पर मछली उत्पादन तो बढ़ा है, लेकिन इसे और बढ़ाना है।

    राज्य में 2023-24 में 8.73 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ है। मंत्री ने अधिकारियों को मछलीपालन की योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का दायित्व भी अधिकािरियों को दिया। साथ ही कहा कि मछलीपालन की योजना का लाभ गरीबों को मिले, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।

    उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जमीन सर्वे का काम चल रहा है। अंचल अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाएं। कृषि कार्य के लिए बिजली दर कम लगती है। हमें प्रयास करना चाहिए कि मछलीपालन और पशुपालन के लिए बिजली दर में भी छूट मिले।

    मछली पालन में युवा दिखा रहे विशेष रुचि : विजयलक्ष्मी

    कार्यशाला को संबोधित करते हुए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव एन विजयलक्ष्मी ने कहा कि मछलीपालन काफी लाभकारी है। इसके लिए नई तकनीक का उपयोग हो रहा है। युवा इसमें विशेष रुचि दिखा रहे हैं। नौकरी छोड़ कर मछलीपालन कर रहे हैं।

    अब बायोफ्लाक सहित कई तकनीक से मछलीपालन हो रहे हैं। मछलीपालन के लिए अनुदान और प्रोत्साहन का प्रविधान भी है।

    मौके पर मत्स्य निदेशक तरणजोत सिंह, संयुक्त मत्स्य निदेशक दिलीप कुमार सिंह, उप निदेशक पवन कुमार पासवान, आइसीएआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. कमल शर्मा आदि ने कार्यशाला में मछली पालकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

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