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    122 KG वजन, लिवर सिरोसिस और 9 घंटे की सर्जरी, अंगदान से मिली 35 वर्षीय युवक को नई जिंदगी

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 09:55 PM (IST)

    पटना एम्स में 35 वर्षीय युवक का सफल लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। युवक लिवर सिरोसिस से पीड़ित था। दिल्ली के मैक्स साकेत अस्पताल के विशेषज्ञों और एम्स पटना की टीम ने मिलकर रात भर चले ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। डॉक्टरों ने अंगदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है और लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए।

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    122 KG वजन, लिवर सिरोसिस और 9 घंटे की सर्जरी, अंगदान से मिली 35 वर्षीय युवक को नई जिंदगी

    जागरण संवाददाता, पटना। एक 35 वर्षीय युवक, जो पिछले कई महीनों से लिवर सिरोसिस से पीड़ित था। इस वजह से लिवर फेल्योर हो गया था। इसी बीच गुरुवार की देर रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना में लिवर ट्रांसप्लांट के जरिए एक नई जिंदगी मिली है। संस्थान की ओर से यह पहली लिवर प्रत्यारोपण है।

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    युवक का वजन लगभग 122 किलो तक पहुंच गया था और उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। अंततः डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया, जो कि अंगदान के माध्यम से संभव हो सका। युवक पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के एक सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष का पुत्र है।

    उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने लिवर प्रत्यारोपण की अनुशंसा की। संस्थान के कार्यकारी निदेशक ब्रिगेडियर प्रो. डॉ. राजू अग्रवाल ने सफल ऑपरेशन पर पूरी टीम को बधाई दी है।

    रातभर चला ऑपरेशन, सुबह मिली राहत

    दिल्ली के मैक्स साकेत अस्पताल के प्रसिद्ध लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ प्रो. सुभाष गुप्ता की टीम एवं एम्स, पटना गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. उत्पल आनंद की टीम ने यह सफल ऑपरेशन किया। यह जटिल सर्जरी रात 10 बजे शुरू हुई और सुबह सात बजे तक चली। इसमें करीब नौ घंटे तक डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने लगातार मेहनत कर यह प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक पूरा किया।

    रिकवरी बेहतर, कुछ दिनों में छुट्टी की संभावना

    ऑपरेशन के बाद युवक की हालत अब स्थिर और संतोषजनक बताई जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार, अगले छह से सात दिनों में उसकी स्थिति और बेहतर हो जाएगी और वह अस्पताल से छुट्टी पाने की स्थिति में आ जाएगा।

    अंगदान से बच सकती हैं कई जानें

    डॉक्टरों ने इस केस के माध्यम से अंगदान की अहमियत को दोहराया। उन्होंने बताया कि यदि समय पर अंगदान उपलब्ध हो जाए तो कई गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकती है। इस मामले में भी अंगदाता के परिजनों के सहयोग से यह ट्रांसप्लांट संभव हो सका, जिससे युवक को नया जीवन मिला। डॉक्टरों ने अपील की है कि लोग अंगदान के प्रति जागरूकता दिखाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।