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    बिहटा ड्राइपोर्ट से रूस के लिए रवाना हुआ सेफ्टी शूज का पहला कंटेनर, हाजीपुर में हुई मैन्युफैक्चरिंग

    Updated: Mon, 26 May 2025 09:34 PM (IST)

    बिहटा के प्रिस्टीन मगध ड्राईपोर्ट से रूस के लिए सेफ्टी शूज का पहला कंटेनर रवाना किया गया। हाजीपुर की एक कंपनी द्वारा निर्मित ये जूते रूसी सेना के लिए हैं। सीमा शुल्क अधीक्षक ने बताया कि यह पहली बार है जब बिहार से सीधे निर्यात हो रहा है। ड्राई पोर्ट के खुलने से औद्योगिक क्षेत्र को काफी लाभ होगा और अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा।

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    बिहटा ड्राइपोर्ट से रूस के लिए रवाना हुआ सेफ्टी शूज का पहला कंटेनर

    रवि शंकर, बिहटा। बिहार के औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार को एक नए युग का शुभारंभ हुआ। बिहटा के प्रिस्टीन मगध ड्राइपोर्ट से पहली बार कस्टम क्लियरेंस के बाद एक कंटेनर सेफ्टी शूज की खेप रूस के लिए रवाना की गई। सीमा शुल्क अधीक्षक प्रदीप कुमार और सीमा शुल्क निरीक्षक नवीन कुमार ने कंटेनर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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    कंटेनर में हाजीपुर स्थित कंपनी कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित सेफ्टी शूज हैं। बताया गया कि सेफ्टी शूज का आर्डर रूस की सेना से मिला है। इसकी गुणवत्ता उच्च है और गलन वाली ठंड में भी कारगर है।

    सीमा शुल्क अधीक्षक ने बताया कि बिहार से पहली बार निर्यात के लिए कस्टम क्लियरेंस दिया गया है। पहले यह प्रक्रिया कोलकाता में होती थी। इस तरह बिहटा के प्रिस्टीन मगध ड्राइपोर्ट ने अपनी सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

    उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि यह पहल भविष्य में और अधिक अवसरों को जन्म देगी और क्षेत्र की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान करेगी। सीमा शुल्क निरीक्षक ने बताया कि बिहार में भूमि की प्रचुरता है, लेकिन इंपोर्ट और एक्सपोर्ट की समस्याएं थीं।

    बिहटा में शुष्क बंदरगाह के खुलने से अब ये समस्याएं दूर हो गई हैं, जिससे औद्योगिक क्षेत्र को काफी लाभ होगा। ड्राई पोर्ट के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश कुमार ने इसे मील का पत्थर बताया। कहा, यह प्रिस्टीन बिहटा ड्राई पोर्ट की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और क्षमताओं को दर्शाता है।

    उन्होंने कहा कि यह ड्राई पोर्ट राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और स्थानीय उद्योगों को विकसित करने में मदद करेगा।

    उन्होंने यह भी बताया कि आइसीडी को कोलकाता पोर्ट और नावा सेवा मुंबई से जोड़ा गया है, जिससे बिहार और झारखंड के कृषि उत्पादों का भी निर्यात और आयात संभव हो सकेगा। इस अवसर पर विवेक बिप्पुल, शांति भूषण, सुधीर कुमार और अमरीश कुमार भी उपस्थित रहे।