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    जक्कनपुर में आगः ई-रिक्शा की बैटरी में लगी आग के बाद पेट्रोल व केरोसिन ने मचा दी तबाही

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 26 Feb 2020 09:32 AM (IST)

    जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बंगाली टोला स्थित घर के कमरे में आग लगने की सबसे बड़ी वजह ई-रिक्शा की बैटरी थी। इसके बाद बगल में रखे पेट्रोल व केरोसिन ने तबाही मचा दी।

    जक्कनपुर में आगः ई-रिक्शा की बैटरी में लगी आग के बाद पेट्रोल व केरोसिन ने मचा दी तबाही

    पटना, जेएनएन। जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बंगाली टोला स्थित घर के कमरे में आग में जलकर मरे मासूम और युवक-युवती के झुलसने में कई स्तर पर चूक हुई। आग लगने की सबसे बड़ी वजह ई-रिक्शा की बैटरी थी। इसके बाद बगल में रखे पेट्रोल व केरोसिन ने तबाही मचा दी। घटना में अस्सी फीसद जल चुकी सोनाली ने थानेदार मुकेश कुमार वर्मा को बताया कि वह अभिनव को खिलाने के लिए साथ लेकर सोमवार की शाम करीब चार बजे सुजीत उर्फ गोलू के कमरे पर गई थी। अभिनव फर्स पर खेल रहा था। गोलू ई-रिक्शा चलाता है। ई-रिक्शा की बैटरी फर्श पर चार्ज हो रही थी। बैटरी के बगल में ही पांच लीटर के गैलन में पेट्रोल रखा हुआ था। उसके बगल में केरोसिन भी था।

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    फट गई थी बैटरी

    बच्चे ने बैटरी का तार छू दिया या बैटरी शॉर्ट सर्किट कर गया यह वह स्पष्ट नहीं बता सकी, लेकिन उसने पुलिस को यह जरूर बताया कि बैटरी फट गई। इससे बगल में रखे पेट्रोल में आग लग गई। बगल में रखा केरोसिन भी धधकने लगा। पूरे कमरे में आग व धुआं भर गया। तबतक सोनाली और गोलू के शरीर में आग लग चुकी थी। वह कुछ समझ नहीं पाए। दोनों खुद को बचाने के लिए कमरे से बाहर आए। तबतक बुरी तरह जल चुके थे। इसके बाद क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं।

    सोनाली की स्थित गंभीर देख पुलिस भी आगे कुछ नहीं पूछ सकी। उधर गोलू मंगलवार को भी निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती था। वह भी 70 से 80 फीसद जल चुका है। मंगलवार को सोनाली को निजी क्लीनिक से पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में रेफर कर दिया गया।

    36 घंटे बाद भी नहीं बुलाई गई एफएसएल की टीम

    पूरी घटना में पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। आग लगने के बाद फायर विभाग को यह तक नहीं पता था कि कमरे में झुलसने वाले युवक-युवती हैं। यहां तक की पुलिस भी निजी अस्पताल में तब गई, जब उसे पता चला कि घायल दोनों युवती नहीं, बल्कि उसमें एक युवक भी है। पुलिस निजी अस्पताल पहुंची तो चिकित्सकों से प्रारंभिक जांच में आग कैसे लगी यह तक नहीं पता कर सकी। हद तो यह है कि शुरुआत में संदेहास्पद घटना होने के बाद भी पुलिस एफएसएल की टीम को नहीं बुला सकी। देर रात पुलिस यह हवाला देते रही कि अंधेरा होने की वजह से एफएसएल नहीं पहुंची। मंगलवार को भी एफएसएल की टीम नहीं पहुंची थी। एसएसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा जब मामले में गंभीर हुए तब पुलिस हरकत में आई।

    बता दें कि सोमवार की शाम करीब साढ़े चार बजे बंगाली टोला में स्थित गोलू के कमरे में आग लगने से डेढ़ साल का अभिनव जिंदा जल गया था। गोलू और सोनाली गंभीर रूप से झ़ुलस गए हैं। थानेदार ने बताया कि अभिनव के घर वाले जमुई स्थित अपने गांव चले गए हैं। पुलिस ने यूडी केस दर्ज की है। सोनाली और गोलू के परिजनों ने लिखित आवेदन दिया है कि इस घटना में किसी का कोई दोष नहीं है। दोनों बच्चे के साथ कमरे में खेल रहे थे।