बिहार में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, अब तक इतने शिक्षक पर FIR दर्ज
बिहार में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। अब तक 1647 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 2852 अन्य शिक्षकों पर एफआईआर की तैयारी है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो 6 लाख से अधिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर चूका है जिसमे कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र और डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के मामले में अब तक 1,647 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। जबकि इसी मामले में 2,852 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। इनमें अधिकांश शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र
और गैर-मान्यता प्राप्त शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से प्राप्त बी.एड. की डिग्रियाँ शामिल हैं।
शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना उच्च न्यायालय द्वारा रंजीत पंडित एवं अन्य बनाम बिहार सरकार मामले में पारित आदेश के तहत, वर्ष 2006 से वर्ष 2015 तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक-पूर्व शैक्षणिक अंकपत्रों और प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है।
इसी क्रम में, राज्य के विभिन्न जिलों में जाँच के दौरान शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें 1672 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अब तक 6,35,322 प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा चुका है। इस वर्ष जनवरी से 17 जुलाई तक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन के बाद
अंकपत्र और प्रमाण-पत्र फर्जी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध अब तक विभिन्न जिलों में 72 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें संबंधित शिक्षकों को आरोपी बनाया गया है। ब्यूरो पुलिस महानिदेशक को विभिन्न जिलों में दर्ज मामलों की निरंतर निगरानी करने और शीघ्र जाँच पूरी करने के लिए पत्र भेज रहा है, ताकि संबंधित मामलों की जाँच प्रक्रिया समय पर पूरी की जा सके।
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