मशहूर फिल्म निर्माताओं को पसंद आ रहा बिहार, यहां होगी 'शरणार्थी द रिफ्यूजी' की शूटिंग
बिहार में फिल्म निर्माताओं की रुचि बढ़ रही है। बुद्ध से जुड़े स्थलों पर फिल्म 'शरणार्थी द रिफ्यूजी' की शूटिंग की जाएगी। बिहार अपनी ऐतिहासिक धरोहर के कारण फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर रहा है, और राज्य सरकार भी फिल्म निर्माण को बढ़ावा दे रही है। इससे राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

फिल्म शूटिंग। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता,पटना। गोवा में 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। वेब्स फिल्म के अंतिम दिन पवेलियन में बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के प्रबंध निदेशक सह कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने फिल्मकारों से मिलकर फिल्म प्रोत्साहन नीति के बारे में जानकारी दी। साथ ही उनका फीडबैक लिया, जिसे आने वाले समय में फिल्म नीति में जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने बांग्ला फिल्ममेकर संगीता दत्ता को फिल्म नीति और बिहार की सुदृढ़ कानून व्यवस्था के बारे में बताया। यह बताया कि बिहार में 29 फिल्मों की शूटिंग की अनुमति मिली है। फिल्म निगम और बिहार सरकार फिल्ममेकर को हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है।
संगीता अपनी फीचर फिल्म शरणार्थी द रिफ्यूजी की आगे की शूटिंग बिहार के विहारों और बुद्ध से जुड़े स्थलों पर करेंगी। इस मौके पर द वायरल फीवर (टीवीएफ) के प्रतिनिधियों ने बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीतियों के तहत प्रोड्यूसर को मिलने वाली सुविधाओं और सब्सिडी के बारे में जाना।
टीवीएफ के प्रतिनिधि अमृतांश वाजपेयी ने कहा कि हमने पंचायत जैसी कई वेबसीरीज बनाई है। अब बहुत जल्द बिहार की कहानियां थियेटर और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना बना रहे हैं।
वह बिहार सरकार और फिल्म निगम के साथ मिलकर बिहार में शूटिंग करने की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। अभिनेता विकास कुमार ने कहा कि बिहार में बहुत अच्छी नीति बनी है। बतौर एक्टर बिहार में कोई भी फिल्म शूट हो रही हो, उसका हिस्सा बनने का मौका मिले तो मैं कोशिश करूंगा।
अनुदान मिलने से स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को मदद मिलेगी
लेखक और निर्देशक देव्यांशु चौधरी ने कहा कि बिहार में अनुदान मिलने से स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को फिल्म बनाने में काफी मदद मिलेगी। वे बिहार की कहानी को विश्व स्तर पर ले जाना चाहते हैं। वह जल्द ही अपनी नई फिल्म की शूटिंग बिहार में शुरू करेंगे।
डायरेक्टर शैलेश पाठक ने कहा कि बिहार में बनने वाली फिल्मों को सिनेमाहाल और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज करने में उन्हें खुशी होगी। डाक्यूमेंट्री मेकर रामालिंगम गोथम ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा डाक्यूमेंट्री के लिए 40 लाख तक की सब्सिडी मिल रही है।
बिहार और तमिलनाडु की साझा संस्कृति पर कम बजट वाली डॉक्यूमंट्री फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं। फिल्म कलाकार और फिल्ममेकर सुहास सिंह ने कहा कि वह अपनी नई फिल्म के लिए बिहार को चुनना चाहते हैं।
बिहार के युवा फिल्मकार रविराज पटेल ने कहा कि भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा में इस वर्ष स्थापित बिहार पवेलियन राज्य के लिए एक सुखद और महत्वपूर्ण पहल है।
चार दिनों तक बिहार ने फिल्म बाजार में अपनी नई फिल्म नीति, बेहतर होती राज्य की छवि, लोकेशन और फिल्मकारों के लिए खुलते अवसरों को प्रस्तुत किया।

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